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बोले बॉडी लैंग्वेज समझना सबसे जरूरी; कहा- अक्षय एसोसिएशन को 2-3 करोड़ डोनेट करते हैं

आपने शाहरुख खान की फिल्म जवान के दमदार एक्शन सीक्वेंस तो देखे ही होंगे। वे असल में शाहरुख पर नहीं बल्कि स्टंट आर्टिस्ट अनीस मिर्जा पर फिल्माए गए थे। अनीस ने इसके अलावा सलमान खान की सुल्तान, रणबीर कपूर की फिल्म शमशेरा और ऋतिक रोशन- टाइगर श्रॉफ की वॉर में भी स्टंट डबल का काम किया है।

इस हफ्ते के रील टू रियल में हमने अनीस मिर्जा से इन्हीं सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है। इस दौरान अनीस ने अक्षय कुमार, शाहरुख खान और सलमान खान से जुड़ी कई दिलचस्प बातें भी बताईं। अनीस ने बताया कि अक्षय कुमार हर साल स्टंट एसोसिएशन को दो से तीन करोड़ रुपए डोनेट करते हैं। इसके अलावा 56 साल का होने के बावजूद वे अपनी फिल्मों के स्टंट खुद ही करते हैं।

बॉडी डबल नहीं, स्टंट डबल का रोल अहम होता है
आम जनता को सिर्फ बॉडी डबल का कॉन्सेप्ट पता है। हालांकि, बॉडी डबल से ज्यादा स्टंट डबल अहम होता है। बॉडी डबल उसे कहते हैं, जिस पर एक्टर्स की गैरमौजूदगी में छोटे-मोटे सीन्स फिल्माए जाते हैं। जबकि स्टंट डबल पूरी तरह से एक्टर्स के डुप्लिकेट होते हैं। फिल्म में दिखाए गए सारे एक्शन सीक्वेंस स्टंट डबल ही करते हैं। चाहे आसमान से छलांग लगाना हो, शीशा तोड़कर बाहर निकलना हो या पानी में कूदना हो, ये सारे काम स्टंट डबल ही करते हैं।

स्टंट डबल के तौर पर बॉडी पर कंट्रोल होना बहुत जरूरी है। इसमें देखा जा सकता है कि अनीस कैसे तलवारबाजी कर रहे हैं। सामने से देखने में यह बिल्कुल ओरिजिनल फाइट सीक्वेंस लग रहा है।

घुड़सवारी, स्विमिंग और एक्शन कोरियोग्राफी में निपुण लोग ही बनते हैं स्टंट मैन
स्टंट मैन को काम कैसे मिलता है। उन्हें अप्रोच कैसे किया जाता है? अनीस ने कहा, ‘स्टंट मैन को इंडस्ट्री में काम करने के लिए स्टंट यूनियन का मेंबर होना सबसे जरूरी है। बिना इसके कार्ड के काम नहीं मिल सकता। यूनियन का हिस्सा होने से हम लोग स्टंट डायरेक्टर्स की नजर में रहते हैं। स्टंट डायरेक्टर्स हमारे जैसे कई लोगों का ऑडिशन लेते हैं। फिर हममें से किसी एक को सिलेक्ट करते हैं।

सिलेक्शन प्रोसेस आसान नहीं होती है। कैंडिडेट्स को फाइट आनी चाहिए। घुड़सवारी, स्विमिंग और एक्शन कोरियोग्राफी भी आनी चाहिए। स्टंट आर्टिस्ट को दिल और दिमाग दोनों से मजबूत होना चाहिए।’

छलांग लगाते समय सांस रोकनी पड़ती है, सोचने के लिए दो-तीन सेकेंड का ही टाइम मिलता है
स्टंट आर्टिस्ट को किन-किन बातों का ध्यान देना पड़ता है। जवाब में अनीस ने कहा, ‘ऊपर से नीचे छलांग लगाते हुए कैलकुलेशन करना पड़ता है। हमारे पास बस दो से तीन सेकेंड होते हैं। नीचे गिरते वक्त हाथ और पैर की पोजिशनिंग सही होनी चाहिए, वर्ना बड़ी इंजरी हो सकती है। नीचे गिरते वक्त सांस को रोकना पड़ता है। जमीन पर गिरने के तुरंत बाद लंबी सांस छोड़नी चाहिए। छलांग लगाने के दौरान शरीर को बिल्कुल हल्का छोड़ देना चाहिए।’

सलमान खान के लिए स्टंट करना मुश्किल था
अनीस ने सलमान खान की फिल्म भारत और सुल्तान में बॉडी डबल का काम किया था। सुल्तान के एक सीन में सलमान खान छत पर दौड़ते हुए आते हैं, छलांग लगाकर पतंग पकड़ लेते हैं। यह सीक्वेंस ओरिजिनल में अनीस ने किया था। इस सीन के पहले वे थोड़े नर्वस भी थे। उनके पिताजी भी वहीं सेट पर मौजूद थे। उन्होंने अनीस को एक-दो टिप्स भी दिए थे।

अनीस ने कहा, ‘सलमान भाई के साथ मेरे अच्छे रिलेशन हैं। वे मेरे काम को काफी पसंद करते हैं। मैं उनके बॉडी डबल के तौर पर उतना सूटेबल भी नहीं हूं, फिर भी वे कहते हैं कि तुम मेरे लिए काम किया करो। रेस-3 और किसी का भाई किसी की जान के वक्त भी मुझे उनकी टीम से कॉल आया था, लेकिन उस वक्त मैं बिजी था, इसलिए मैंने उन दोनों प्रोजेक्ट को करने से मना कर दिया।’

यह तस्वीर फिल्म सुल्तान की शूटिंग के वक्त की है। इस फ्रेम में सलमान खान के अलावा अनीस (लाल टी-शर्ट) और उनके पिता रफीक मिर्जा (नीले कपड़े में) में दिखाई दे रहे हैं।

अनीस मिर्जा कई बार टाइगर श्रॉफ के स्टंट डबल बने हैं। वॉर, बागी-2 और गणपत के बाद अब बड़े मियां- छोटे मियां में भी उन्होंने टाइगर के लिए खतरनाक स्टंट किए हैं। फिल्म के सेट पर अक्षय कुमार ने इनका बर्थडे भी सेलिब्रेट किया था। अनीस टाइगर श्रॉफ के बुलावे पर अक्षय कुमार के घर वॉलीबॉल भी खेलने जाते हैं।

खतरनाक एक्शन सीक्वेंस फिल्माने के अलग से पैसे मिलते हैं
स्टंट आर्टिस्ट को पैसे किस हिसाब से मिलते हैं? अनीस बताते हैं, ‘हमें डेली के हिसाब से पैसे मिलते हैं। 8 घंटे की शिफ्ट होती है। एसोसिएशन जो अमाउंट फिक्स करती है, वही हमारी फीस होती है। अगर कोई एक्टर या प्रोडक्शन हाउस हमारे नाम की सिफारिश करता है, तो इसके लिए एक्स्ट्रा पैसे मिलते हैं। कुछ खतरनाक एक्शन सीक्वेंस को फिल्माने के लिए अलग से भी पैसे मिलते हैं। हमारे पैसे एसोसिएशन के जरिए ही मिलते हैं। प्रोडक्शन हाउस हमारी फीस एसोसिएशन को भेजता है। एसोसिएशन उसमें से 25% अमाउंट काटकर हमें देता है। वो 25% हिस्सा रिटायर हो चुके स्टंट डायरेक्टर्स और स्टंट आर्टिस्ट को जाता है।

फिल्मों में एक्शन सीन फिल्माने से पहले रिहर्सल की जाती है। स्टंट मैन पहले पूरा एक्शन सीक्वेंस मोबाइल फोन में शूट करते हैं। उस वीडियो को स्टंट डायरेक्टर को दिखाते हैं। स्टंट डायरेक्टर को पसंद आने के बाद ओरिजिनल शूटिंग शुरू होती है। स्टंट मैन एक्टर्स को भी बताते हैं कि उन्हें कैसे काम करना है।’

आज के वक्त में स्टंट करना पहले की तुलना में कम खतरनाक
अनीस के मुताबिक, ‘आज के वक्त में स्टंट करना पहले की तुलना में काफी ज्यादा आसान हो गया है। उन्होंने कहा, ‘पिताजी के टाइम पर स्टंट करना ज्यादा मुश्किल था। उन लोगों को 10-12 मंजिला से छलांग लगाना पड़ता था। उस वक्त बॉडी से वायर भी नहीं बंधा रहता था। नीचे कुछ बॉक्स बने रहते थे, उसी पर गद्दे रख दिए जाते थे। उन्हीं गद्दों पर गिरना पड़ता था।

इसमें रिस्क फैक्टर ज्यादा रहता था। आज के वक्त में हमारी बॉडी से वायर बंधे होते हैं, अगर शॉट सही नहीं हुआ तो हम कई बार इसे रिपीट कर सकते हैं। उस समय एक से दो बार में ही शॉट कम्प्लीट करने होते थे, जाहिर सी बात है कि 10-12 मंजिला से बार-बार कूद तो नहीं सकते थे।’

जवान में शाहरुख के स्टंट डबल बने थे अनीस
अनीस ने कहा कि स्टंट डबल और बॉडी डबल को एक्टर्स की बॉडी लैंग्वेज को कॉपी करना पड़ता है। एक्टर्स कैसे चलते हैं, उनका हाव-भाव क्या है। बॉडी मूवमेंट कैसा है। ये सारी चीजें होंगी तभी कैमरे पर सीक्वेंस ओरिजिनल नजर आएंगे। अनीस ने कहा, ‘मैं जवान में शाहरुख खान के ओल्डर वर्जन यानी विक्रम राठौर का स्टंट डबल बना था।

अब विक्रम राठौर कैसे चल रहा है, कैसे दौड़ रहा है। ये सारी चीजें मुझे हूबहू कॉपी करनी थी। इसके लिए मैंने बहुत बारीकी से शाहरुख सर की बॉडी लैंग्वेज को पढ़ा था। आप फिल्म देखेंगे तो यही कहेंगे कि वो स्टंट शाहरुख खान खुद कर रहे हैं। हालांकि, सच्चाई यह है कि उनके सारे स्टंट मैंने किए थे।’

फिल्म जवान का एक सीन। इसमें अनीस शाहरुख के कैरेक्टर विक्रम राठौर के गेटअप में एक्शन कर रहे हैं।

साउथ में स्टंट आर्टिस्ट के लिए सेफ्टी के इंतजाम यहां से कम
साउथ इंडस्ट्री में आज भी स्टंट आर्टिस्ट्स के लिए उतने सेफ्टी के इंतजाम नहीं किए जाते हैं। अनीस ने कहा, ‘बॉलीवुड इंडस्ट्री में स्टंट आर्टिस्ट की सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाता है। दूसरी तरफ साउथ इंडस्ट्री में आज भी रॉ एक्शन सीन्स किए जाते हैं, जिसमें खतरा ज्यादा होता है। हालांकि, अब वहां भी धीरे-धीरे काफी बदलाव हो रहे हैं।’

अनीस ने कहा कि अगर कोई साउथ का डायरेक्टर मुंबई आकर हिंदी फिल्में बनाता है तो उसे यहां के 50% स्टंट आर्टिस्ट रखने ही होंगे। ठीक ऐसे ही अगर कोई बॉलीवुड फिल्म मेकर साउथ में जाकर फिल्में बनाता है तो उसे वहां के आधे लोकल स्टंट आर्टिस्ट रखने पड़ेंगे।

इस बात का दुख नहीं होता है कि जान पर आप खेलते हो और नाम एक्टर्स का होता है? अनीस ने कहा, ‘नहीं, हमारा काम ही यही है। इसी की वजह से हमें पैसे मिलते हैं। रणबीर कपूर, टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार जैसे लोग मुझे छोड़ना ही नहीं चाहते। मैं उनके साथ बिल्कुल फिट बैठ गया हूं। हां, अगर भविष्य में कभी मौका मिला तो एक्टर के तौर पर भी काम कर लूंगा।’

स्टंट आर्टिस्ट को भी मिलने चाहिए अवॉर्ड्स, अक्षय कुमार की सलाह पर पहले दिए जाते थे
अनीस मिर्जा की चाहत है कि स्टंट मैन को अवॉर्ड भी मिलने चाहिए। वे लोग अपनी जान पर खेलते हैं, लेकिन बदले में उन्हें वो पहचान नहीं मिलती जिसके वे हकदार हैं। अक्षय कुमार की सलाह पर जी सिने अवॉर्ड्स में दो साल तक बेस्ट स्टंट मैन के लिए अवॉर्ड दिए गए, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया।

अमिताभ बच्चन के लिए एक्शन सीक्वेंस डिजाइन कर चुके हैं अनीस

बॉलीवुड की महंगी फिल्मों में अब विदेशों से स्टंट डायरेक्टर्स बुलाए जाते हैं। यह प्रथा सबसे पहले यशराज फिल्म्स ने ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के समय शुरू की थी। अनीस ने कहा कि इस फिल्म के लिए अमेरिका से स्टंट डायरेक्टर बुलाए गए थे। अनीस ने इस फिल्म में बतौर स्टंटमैन काम किया था। उन्होंने अमिताभ बच्चन का एक्शन सीक्वेंस भी डिजाइन किया था। एक्शन डिजाइन का मतलब यह कि उन्होंने अमिताभ बच्चन का पूरा सीक्वेंस पहले खुद करके दिखाया था। इसके बाद बिग बी ने उसे कम्प्लीट किया था।

मॉडलिंग करके 800 रुपए डेली कमाने वाले अनीस कैसे बने इतने बड़े स्टंट आर्टिस्ट?
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने कॉलेज में डांस करता था। एक्टर बनने की चाहत थी। एक साल तक ऑडिशन भी दिया। मेरे पिताजी भी स्टंट आर्टिस्ट रह चुके हैं। वे एक वक्त पर सलमान खान, सुनील शेट्टी और गोविंदा के बॉडी डबल बनते थे। उन्होंने मुझसे कहा कि स्टंट एसोसिएशन जॉइन कर लो। अगर एक्टिंग फील्ड में सफलता नहीं मिली तो स्टंट आर्टिस्ट बन जाना। इसी बीच मैं मॉडल के तौर पर काम करने लगा। इसके लिए मुझे प्रतिदिन 800 रुपए मिलते थे। एक दिन मैं सूरज पंचोली की फिल्म हीरो के सेट पर मौजूद था। मैं फिल्म में बार टेंडर के छोटे से रोल के लिए वहां गया था।

असिस्टेंट डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि कैमरे के सामने शर्ट खोलकर सामने से निकलना। वहां मेरे पिताजी के दोस्त आमिन खातिब (स्टंट डायरेक्टर) भी मौजूद थे। उन्होंने मुझे पहचान लिया और तुरंत पिताजी को फोन किया। उन्होंने पिताजी से कहा कि तुम अपने बेटे को ऐसे छोटे काम क्यों करा रहे हो। इसे स्टंट आर्टिस्ट बनना चाहिए, अब से मैं इसे ट्रेनिंग दूंगा। एक स्टंट आर्टिस्ट के तौर पर यहीं से मेरा करियर स्टार्ट हुआ।’

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