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100 करोड़ से सुदृढ़ होगी ‘समग्र शिक्षा’

रुद्रपुर। सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा को मर्ज कर बनाए गए समग्र शिक्षा अभियान शिक्षण गतिविधियों को नया आयाम देगा। अभियान के जरिए प्री-स्कूल से लेकर इंटर काॅलेजों तक शिक्षण के समान अवसर मिलेंगे। जहां जर्जर विद्यालयों को नया भवन मिलेगा, वहीं चहारदीवारी निर्माण, शौचालय आधुनिक प्रयाेगशालाएं, कंप्यूटर कक्ष, वर्चुअल लैब, स्मार्ट क्लास व पुस्तकालय आदि का निर्माण होगा। यूएस नगर के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के विद्यालयों की सूरत बदलने के लिए शिक्षा विभाग ने शासन को 100 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है।

समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य प्री विद्यालय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में एक निरंतरता के रूप में ””स्कूल”” की परिकल्पना करती है। योजना का दृष्टिकोण शिक्षा के विकास लक्ष्य के अनुसार प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है।

अभियान का मकसद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाना है। स्कूली शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को पाटना, स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर समानता और समावेशन सुनिश्चित करना, स्कूली शिक्षा प्रावधानों में न्यूनतम मानक सुनिश्चित करना, शिक्षा के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देना, बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के कार्यान्वयन करना है। साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शिक्षा संस्थानों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन करना है। अभियान का मुख्य जोर शिक्षक और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करके स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। योजना के तहत सभी हस्तक्षेप की रणनीति स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सीखने के परिणामों को बढ़ाना है।

अभियान के जरिए बच्चों को शिक्षा में काफी लाभ मिलने की संभावना है एवं प्राथमिक कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक शिक्षा के लिए एक समान समावेशी कक्षा का वातावरण छात्रों को मुहैया कराया जाएगा। योजना के अंतर्गत स्कूलों में विज्ञान और गणित सीखने को प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षा के डिजिटलीकरण से शिक्षक और अधिक कुशल हो जाएंगे और छात्र सामग्री अथवा वीडियो एनिमेशन के मदद से तथ्यों को शिक्षक आसानी से बच्चों को समझा पाएंगे।

यह है अभियान का मुख्य उद्देश्य
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाने का प्रावधान करना।I

विद्यालयों में सामाजिक और जेंडर गैप को कम करना।I

सभी स्तरों पर समानता और समावेशी विकास को सुनिश्चित करना।I

व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना।I

शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में एससीईआरटी व डायट के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन।I

खेल और शारीरिक शिक्षा को प्रोत्साहन।I

शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाना।I
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एक से इंटर तक समावेशी शिक्षा के समग्र शिक्षा अभियान में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे प्राथमिक से लेकर इंटर कालेजों में निर्माण, शिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। अभियान से शिक्षक व शिक्षार्थी दोनों को कुशल बनाया जाना है।
कुंवर सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी, यूएस नगर।

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