रोहतक में सांसद बृजेंद्र का दुष्यंत चौटाला पर तंज बोले- अब उनकी हताशा सामने आयी; एक साल पहले बना भाजपा छोड़ने का मन
हरियाणा के हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह शुक्रवार को रोहतक के सांपला पहुंचे। यहां उन्होंने दीनबंधु छोटूराम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए। बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के सवाल पर कहा कि ये फैसला किसी एक चीज को लेकर नहीं लिया गया, बल्कि भाजपा छोड़ने के कई कारण रहे हैं। एक साल पहले ही वे फैसला कर चुके थे कि भाजपा को छोड़ना है। उन्होंने यहां दुष्यंत चौटाला के बयान पर तंज कसा। कहा कि उनकी हताशा सामने आने लगी है।
सांपला में पत्रकारों से बातचीत में बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जब वे चुनाव जीतकर आए तो उसके थोड़े समय बात ही यह लगने लगा था कि यहां मेरा मेल खा नहीं सकता। उसके बाद जो घटनाएं हुई, वह चाहे किसान आंदोलन हो, अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया हो या फिर पहलवानों का आंदोलन सहित अन्य मुद्दे। पर वे संसद में होते हुए इनसे बहुत सहमति नहीं रखते थे।
उप चुनाव देख नहीं छोड़ी थी भाजपा
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पहले 5 साल जो थे, वे दूसरी तरह के थे। लेकिन ये 5 साल थे, इनमें जो एजेंडा था वह खुलना शुरू हो गया। उन्होंने भाजपा छोड़ने का फैसला तो साल-सवा साल पहले ही ले लिया था। अगर उस समय वे भाजपा छोड़ते तो उप चुनाव होते। जिससे लोगों को परेशानी होती और जनता का पैसा भी खर्च होता। एक बार तो मन था कि जब भारत जोड़ा यात्रा पहली बार शुरू हुई थी तो उस दौरान ही कांग्रेस में शामिल हो जाएं।
वे राज में थे या भीख मांग रहे थे
सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बयान पर भी पलटवार किया। दुष्यंत चौटाला ने 13 मार्च को हिसार में आयोजित रैली में सांसद बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ने पर कहा था कि अगर दो दिन और इंतजार कर लेते तो शायद पार्टी छोड़ने की नौबत नहीं आती। लेकिन उन्हें मेरे (दुष्यंत) से ज्यादा जल्दी थी।
इस पर सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी हताशा अब सामने आने लग रही है। उन्होंने बोदी (कमजोर) बात की कि जब वे भाजपा में टिकट मांगने गए तो उन्हें रोहतक की टिकट दी गई। इसके बदले उन्होंन 5100 पेंशन मांगी। इस पर तंज कसते हुए कहा कि वे राज में थे या भीख मांग रहे थे।