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सरपंच के बेटे की हत्या के लिए सालभर प्लानिंग बैरसिया में पूर्व प्रेमिका ने मर्डर के लिए सनकी आशिक का किया ब्रेनवॉश

9 मार्च 2024, बैरसिया के दामखेड़ा गांव के खेत में विशाल कुशवाहा नाम के युवक की लाश मिली थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में ही खुलासा हो गया था कि विशाल की बेरहमी से हत्या की गई है। उसका गला रेता हुआ था। पुलिस ने इस मामले में विशाल की पूर्व प्रेमिका नीतू और उसके प्रेमी आमीन को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक नीतू ने बदला लेने के लिए विशाल की हत्या करना कबूल किया।

 ने इस सनसनीखेज हत्याकांड की तफ्तीश की तो खुलासा हुआ कि नीतू पिछले एक साल से विशाल की हत्या की प्लानिंग कर रही थी। विशाल की हत्या के लिए उसने आमीन का ब्रेनवॉश कर उसे तैयार किया। वारदात की तारीख, जगह और उसका तरीका भी नीतू ने पहले ही सोच कर रखा था।

पिता को खेतों में हलचल दिखी, लगा कोई जानवर होगा
गांव दामखेड़ा पहुंची। यहां मिली उसकी बहन पूजा कुशवाहा। उसने बताया कि वो रात 9 या 10 बजे के करीब घर से गाड़ी में सब्जी भरकर विदिशा मंडी के लिए निकला था। जाने से पहले मां से 30 हजार रुपए ये कहकर लिए थे कि गाड़ी की किस्त भी चुका दूंगा। इसके अलावा उसके पास 60 हजार रुपए ग्राहकों के थे।

रात करीब एक बजे उसे पिताजी ने फोन लगाया था, लेकिन उसने कॉल पिक नहीं किया। हमें लगा सो रहा होगा, इसलिए फोन नहीं उठा रहा। सुबह चार बजे के करीब उसके साथी बबलू कुशवाहा का हमारे पास फोन आया। बबलू के साथ ही वह मंडी जाने वाला था। बबलू ने पूछा- विशाल घर पर है क्या? फोन भी नहीं उठा रहा, बात कराओ।

हमने कहा- वो तो तुम्हारे साथ विदिशा मंडी जाने का कहकर रात से ही निकला हुआ है। इसके बाद बबलू ने बताया कि रात को विशाल उसके पास ही आ रहा था। फिर अचानक फोन लगाकर कहने लगा कि कुछ काम आ गया है। घर वापस जा रहा हूं, 15 से 20 मिनट आने में और लग जाएंगे। इसके बाद वो आया ही नहीं। ये सुनकर हमारे होश ही उड़ गए।

हमने तत्काल विशाल की तलाश शुरू कर दी। सुबह करीब 7:30 बजे मुकेश कुशवाहा हांफते हुए घर पहुंचे। उन्होंने बताया खेत के पास खून पड़ा है। विशाल की गाड़ी भी खड़ी है। हम दौड़कर खेत पहुंचे, यहां रोड के 100 मीटर दूर खेतों के अंदर विशाल का शव मिला। उसकी गर्दन कटी हुई थी। चेहरे पर कई वार के निशान थे।

पुलिस को कॉल डिटेल्स से पता चला कि विशाल की आखिरी बार नीतू से बात हुई थी। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत चली थी। इसके बाद नीतू ने विशाल काे खेत पर मिलने बुलाया था। यहां जैसे ही विशाल पहुंचा, नीतू के सनकी प्रेमी अमीन ने उसके सिर पर लट्ठ दे मारा।

विशाल के जमीन पर गिरते ही अमीन ने चाकू से उसका गला रेत दिया। इसके बाद भी नीतू का मन नहीं भरा तो अपनी प्रेमिका को खुश करने के लिए उसने विशाल के चेहरे को पत्थर से कुचल दिया। फिर दोनों ने मिलकर उसके शव को खेत के बीच छिपा दिया। मर्डर का प्लान नीतू ने ही बनाया था, वो एक साल से विशाल का मर्डर प्लान कर रही थी।

असल में नीतू अपनी मां के साथ विशाल के खेतों में काम करने आती थी। इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया, लेकिन पिछले साल 11 मार्च

विशाल का गला काटना था, इसलिए चिकन काटने वाले को आशिक बनाया
नीतू ने कभी किसी को ये नहीं दिखाया कि वो विशाल की शादी से नाराज है। विशाल से भी बातचीत जारी रखी। पर्दे के पीछे उसके मर्डर का पूरा प्लान तैयार कर डाला। सबसे पहले उसने एक ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो उसके बोलने पर कुछ भी कर दे।

तीन महीनों तक उसे कोई नहीं मिला। फिर उसकी मुलाकात अपने पड़ोसी गांव बबचिया में रहने वाले अमीन से हुई। अमीन चिकन काटने का काम करता था। नीतू को अमीन में वो सनक दिखी, जिसकी उसे तलाश थी। इसके बाद नीतू ने अमीन को अपने प्यार में फंसाया। एक साल तक उसका ब्रेनवॉश करती रही। फिर उसे विशाल के मर्डर के लिए तैयार कर लिया।

को विशाल की शादी दूसरी लड़की से हो गई। ये बात नीतू को नागवार गुजरी थी। उसने उसी दिन से विशाल के मर्डर की कहानी लिखनी शुरू कर दी।

विशाल के पिता रमेश कुशवाहा ने भास्कर से कहा कि उनके बेटे को चार लोगों ने मिलकर मारा है। ये बात अमीन ने उन्हें खुद बताई है। जबकि पुलिस इस बिंदू पर कोई जांच ही नहीं कर रही है। रमेश ने बताया कि अमीन को पुलिस घटनास्थल के वैरिफिकेशन के लिए गांव लेकर आई थी। इस दौरान मेरी भी उससे बातचीत हुई। उसने मुझसे कहा कि विशाल को हम चार लोगों ने मिलकर मारा है। पुलिस को हमने ये बात बताई है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

मृतक की पत्नी हरिबाई ने कहा कि उन दोनों की जिंदगी अच्छे से बीत रही थी। नीतू के बारे में कभी विशाल ने उसे कुछ नहीं बताया था। हम दोनों शादी की सालगिरह के लिए बड़ा कार्यक्रम प्लान कर रहे थे। उस लड़की ने सब कुछ बर्बाद दिया। मेरे पेट में बच्चा है, उसके जन्म लेने से पहले ही उसने उसके पिता को छीन लिया। नीतू को फांसी होनी चाहिए।

विशाल के पिता के आरोपों पर बात करने के लिए हमने कई बार बैरसिया थाने के टीआई नरेंद्र कुलस्ते को कॉल किया। उन्होंने मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला देकर सवालों को टाल दिया। हमने उन्हें मैसेज भी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

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