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जीपीएस कॉलर के साथ मोतीचूर रेंज के जंगल में छोड़ी गई बाघिन, आठ लोगों की टीम करेगी निगरानी

कॉर्बेट पार्क से लाई गई बाघिन को मोतीचूर रेंज के टाइगर बाड़े से जंगल में छोड़ दिया गया है। बाघिन की निगरानी जीपीएस कॉलर के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए पार्क प्रशासन की आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। रेंज के जंगल में अब बाघों की संख्या बढ़कर चार तक पहुंच गई है। शुक्रवार को मोतीचूर रेंज में वन मंत्री सुबोध उनियाल, पार्क निदेशक साकेत बडोला व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन को टाइगर बाड़े से जंगल में छोड़ा गया है। वन मंत्री सुबोध उनियाल अधिकारियों के साथ दोपहर करीब 12 बजे राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज के कोयलपुरा स्थित टाइगर बाड़े में पहुंचे। मचान से उन्होंने बाघ की गतिविधियों को देखा। जिसके बाद वनकर्मियों की टीम ने बाघिन को जंगल में छोड़ने के लिए बाड़े के दोनों गेट खोल दिए। करीब दो घंटे बाद बाघिन जंगल की ओर चली गई। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि टाइगर ट्रांसलोकेट से राजाजी में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। पार्क निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि बाघ की गर्दन में जीपीएस कॉलर लगाया गया है। सैटेलाइट जीपीएस और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघिन की प्रत्येक मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी। बाघ की निगरानी के लिए आठ सदस्यों की टीम का गठन भी किया गया है। इस मौके पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

 

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