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वनाग्रि से निपटने को 54 क्रू स्टेशनों में 216 फायर वाॅचर तैनात

चंपावत। जिले में इस बार अब तक फायर सीजन में एक भी आग लगने की घटना नहीं होने से वन विभाग ने राहत की सांस ली है। विभाग की ओर से इस बार वनाग्नि को रोकने के लिए 54 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। फायर सीजन शुरू हुए एक माह बीत गया है, लेकिन इस बार अभी तक वनों में आग लगने की एक भी घटना देखने को नहीं मिली है। विभाग ने वनाग्रि से निपटने के लिए इस बार जिले में 54 क्रू स्टेशनों की स्थापना के साथ ही 216 फायर वॉचर की तैनाती की है। बीते दस सालों में चंपावत जिले में आग की सबसे अधिक 111 घटनाएं वर्ष 2019 में और सबसे कम एकमात्र घटना 2014 में हुई थी। संवाद

चंपावत डिवीजन में दस वर्षों में आग लगने की घटनाएं
वर्ष घटना प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर
2014 01 02.00
2015 15 15.00
2016 62 137.50
2017 34 50.40
2018 84 136.46
2019 111 161.93
2020 08 07.50
2021 73 55.77
2022 80 52.25
2023 25 15.52
सेटेलाइट से रखी जा रही घटनाओं पर नजर
चंपावत। जिले में वनाग्रि की घटनाओं पर सेटेलाइट के जरिए नजर रखी जा रही है। वनों में आग लगने की सूरत में फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) की ओर से वन विभाग के सभी कू् स्टेशनों को तत्काल अलर्ट के संदेश भेजे जा रहे हैं। सिविल आरक्षित वनों के अलावा पंचायती वनों और निजी खेतों में आग लगने की मामूली से मामूली घटना की जानकारी भी जीपीएस के माध्यम से क्रू स्टेशनों तक पहुंच रही है।
बीते वर्षों की अपेक्षा इस बार मार्च माह के शुरुआत में बारिश होने से वनों में नमी बनी हुई है। जिससे आग की घटनाओं पर अंकुश लगा हुआ है। 216 वाॅचर की तैनाती की गई है जो वनों में आग लगने की घटनाओं को रोकने में मदद कर रहे हैं। – आरसी कांडपाल, डीएफओ, चंपावत।

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