Mon. May 19th, 2025

एसआरएचयू के वैज्ञानिकों ने बनाया स्ट्रेपलेस फेस मॉस्क

स्वामी राम हिमालयन विवि (एसआरएचयू) के वैज्ञानिकों ने स्ट्रेपलेस (बिना पट्टी का) फेस मॉस्क का अविष्कार किया है। इससे हेल्थ इंडस्ट्री से जुड़े चिकित्सकों, नर्सेज, पैरामेडिकल सहित विभिन्न जरूरतमंद लोगों के लिए मास्क लगाने में राहत मिलेगी। विवि के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना और कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि कोविड 19 संकट के दौरान फेसमॉस्क अनिवार्य हो गया था। तमाम संक्रमण से बचने को अभी भी मॉस्क पहनना सुरक्षित है। भारत सरकार ने इस अविष्कार का पेटेंट 20 वर्षों के लिए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के नाम दर्ज कर लिया है। स्वामी राम हिमालयन विवि में आईपीआर सेल के इंचार्ज प्रो. योगेंद्र सिंह ने बताया स्ट्रेपलेस फेस मास्क दो परतों की फैब्रिक संरचना से बना है। जो एक-दूसरे से अलग होती है। इसे वायरस, बैक्टीरिया और धूल जैसे संक्रामक तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए डिजाइन किया है। फैब्रिक की दो परतों के बीच एक धातु की तार रखी गई है। मेटालिक तार के कारण मास्क को दिया गया संरचनात्मक स्थिरता बेहतर फिटिंग प्रदान करती है। मॉस्क हल्के वजन वाले बिना पट्टी के सामग्री (पॉलिएस्टर) से बना है। यह चेहरे की संरचना के साथ कस जाता है। इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed