जाम का कारण नो-पार्किंग:जनवरी-फरवरी में सिर्फ 25 हजार चालान, मार्च में 34 हजार के पार, सबसे ज्यादा कार्रवाई परकोटे में
जयपुर शहर की सड़कों पर अवैध रूप से नो-पार्किंग में खड़े वाहनों और लंबे समय से एक ही जगह खड़े रहने वाले वाहनों को हटाने के लिए यातायात पुलिस की तरफ से अभियान चलाए जा रहे हैं। अभियान के तहत निगम-जेडीए के साथ मिलकर यातायात पुलिस शहर के चिह्नित मार्गों पर लंबे समय से खड़े वाहनों को हटवा रही है।
इसके तहत सोमवार से संजय सर्किल से पावर हाउस, लता सर्किल से पंखा-कांटा, एसएफएस चौराहा से थड़ी मार्केट, रोटरी सर्किल से जवाहर नगर बायपास पर शुरू हुआ अभियान सात दिन तक चलेगा। इससे पहले बड़ी चाैपड़ से चांदी की टकसाल, सिंधी कैंप से पोलोविक्ट्री क्षेत्र में अभियान चलाया था। इन मार्गों पर लंबे समय से अवैध रूप से खड़े वाहनों को क्रेनों से हटवाकर सफाई करवा रहे हैं, ताकि सड़कों की चौड़ाई बढ़ सके।
एप के जरिए मौके पर ही तुरंत चालान
यातायात पुलिस ने नो-पार्किंग में वाहन खड़े करने वाले चालकों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। इसके तहत रोज 2 हजार से ज्यादा नो-पार्किंग के ऑनलाइन चालान काटे जा रहे हैं। इसके लिए कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन चालान वाली मशीनें दी गई है, जो मौके से तुरंत ही नो-पार्किंग में खड़े वाहन की फोटो खींचकर एप जरिए चालान जनरेट कर रहे हैं। एप से चालान की कार्रवाई होते कंप्लीट होते ही कार मालिक के पास पर तुरंत फोटो सहित मैसेज पहुंच जाता है। इस अभियान के तहत जयपुर यातायात पुलिस ने 1 से 17 मार्च तक 34 हजार चालान काट दिए।
इन रास्तों पर भी नो-पार्किंग बड़ी समस्या
यातायात पुलिस नो-पार्किंग पर लगातार कार्रवाई कर रही है। ऐसे में शहर गोपालपुरा बायपास, रिद्धि-सिद्धि चौराहे, सांगानेर, कलेक्ट्रेट सर्किल, झोटवाड़ा व एमआई रोड सहित कई ऐसे मार्ग हैं, जिन पर नो-पार्किंग में वाहन खड़े रहते हैं। इससे अक्सर जाम लग जाता है।
इन जगहों पर कार्रवाई
परकोटे13000
एमआई रोड5000
सिंधी कैंप पर4000
^ शहर की सड़कों पर अवैध रूप से वाहन खड़े करने के कारण मुख्य यातायात के लिए रास्ते अवरुद्ध रहते हैं। ऐसे में इन वाहनों को हटाया जा रहा है। साथ ही दिन के समय मुख्य मार्गों पर रोड किनारे वाहन खड़े करने वाले वाहनों के खिलाफ नो-पार्किंग की कार्रवाई की जा रही है, ताकि मुख्य मार्ग पर वाहन खड़े ना रहे और मुख्य यातायात निर्बाध रूप से संचालित रहे।
-सागर राणा, डीसीपी यातायात