11 किमी पैदल चले अफसर, समझा दर्द, किया आश्वस्त, तब माने ग्रामीण
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद चकराता विकासखंड के दुर्गम गांव उदावा के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया है। अधिकारी बर्फ के बीच करीब तीन घंटे का पैदल सफर तक कर गांव तक पहुंचे। सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था। एसडीएम चकराता योगेश सिंह मेहरा ने लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को गांव जाकर स्थलीय निरीक्षण और ग्रामीणों से वार्ता कर रिपोर्ट देने को कहा था। जिस पर बृहस्पतिवार को लोनिवि खंड चकराता के सहायक अभियंता आदित्य ठाकुर और पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता विनोद शर्मा के नेतृत्व में विभागीय टीम करीब 11 किमी का पैदल सफर कर गांव तक पहुंची। जहां अधिकारियों ने ग्रामीणों को वस्तु स्थिति के बारे में जानकारी दी।अब तक की गई कार्रवाई के बारे में बताया। सहायक अभियंता ने ग्रामीणों को बताया कि पांच किमी सड़क वन विभाग की है, जबकि इसके आगे छह किमी सड़क को शासन ने वर्ष 2018 में स्वीकृति प्रदान की हुई है। उन्होंने कहा कि मानक के अनुसार सड़क की चौड़ाई करीब छह मीटर होनी चाहिए, लेकिन वन विभाग की सड़क मात्र पांच फीट चौड़ी है। मानक को देखते हुए भारत सरकार ने आपत्ति लगाई हुई है। जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि आपत्ति दूर होने पर कुल 11 किमी लंबी सड़क का निर्माण होना है।
पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता ने ग्रामीणों को बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नियमों में ढील दी गई है, ऐसे में पीएमजीएसवाई की ओर से भी गांव तक सड़क पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। अधिकारियों के स्थिति स्पष्ट करने पर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया। बतादें की राज्य गठन के 23 साल बाद भी उदावा गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ सका है। गांव में 350 लोग निवास करते हैं।
अधिकारियों से हुई वार्ता के बाद संयुक्त बैठक का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसमें चुनाव बहिष्कार का प्रस्ताव वापस ले लिया गया। लोकतंत्र पर विश्वास करते हुए मतदान की शपथ ली। – तारा देवी, ग्राम प्रधान
अधिकारियों को गांव जाकर स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे। वार्ता के बाद ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है। – योगेश सिंह मेहरा, एसडीएम चकराता