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उत्तराखंड में घर से ही वोट दे सकेंगे बुजुर्ग-दिव्यांग वोटर, आठ अप्रैल से शुरू होगा पहला चरण

उत्तराखंड में 85 वर्ष से अधिक आयु वाले और दिव्यांग करीब 16 हजार मतदाताओं ने अब तक फॉर्म 12-डी भरकर लौटा दिया है। इनके लिए घर-घर मतदान का पहला चरण आठ अप्रैल से शुरू होगा। इसके अलावा 994 मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने मतदान के लिए डोली और 1,524 मतदाताओं ने व्हीलचेयर की मांग चुनाव आयोग के सामने रखी है। सोमवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में बातचीत के दौरान अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने कहा, मतदान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राज्य में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। 85 प्लस आयु के मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। 85 प्लस आयु के राज्य में 65 हजार 160 मतदाता हैं।

85 प्लस आयु के सभी मतदाताओं को फार्म उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें से 10 हजार 390 आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में 80 हजार 330 दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाता हैं, उनमें से पांच हजार 576 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से वोटिंग के लिए आवेदन किया है। 25 मार्च को आवेदन करने की अंतिम तिथि थी। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

हर जिले में टीमें हर मतदाता के घर पर जाकर उनसे संपर्क करेंगी। राज्य में घर-घर जाकर पोस्टल बैलेट से मतदान प्रक्रिया को आठ अप्रैल से प्रथम चरण में तीन दिन के लिए शुरू की जाएगी। अगर कुछ मतदाता इन तिथियों में अपने घर में मुहैया नहीं पाएंगे तो उनके लिए 10 अप्रैल के बाद से द्वितीय चरण शुरू किया जाएगा। इसका जिला स्तर पर कार्यक्रम तय किया जाएगा। इसकी सूचना मतदाताओं को अखबारों एवं अन्य माध्यमों से भी उपलब्ध कराई जाएगी। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, राज्य में 11,729 मतदेय स्थलों में मतदाताओं के लिए न्यूनतम सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। मतदेय स्थलों में रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड की व्यवस्था 97 से 98 प्रतिशत मतदेय स्थलों पर उपलब्ध हैं। कुछ मतदेय स्थलों पर न्यूनतम सुविधाओं के अंतर्गत रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड आदि की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। सभी दिव्यांग श्रेणी के चिह्नित मतदाताओं और 85 प्लस वर्ष के मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने सक्षम एप की व्यवस्था की है। राज्य में सक्षम एप से 1,524 व्हील चेयर के लिए अनुरोध मिले हैं। डोली के लिए 994 और स्वयं सेवक के लिए 5,910 अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इन सुविधाओं के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से मतदाताओं को सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बताया, ब्रेल की जानकारी रखने वाले दृष्टिबाधित वोटरों की सहायता के लिए ब्रेल आधारित प्रतियां उपलब्ध कराने के प्रयास किए गए हैं। ब्रेल अंकित बैलेट पेपर दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

निर्वाचन में शामिल सभी कार्मिकों के लिए निर्वाचन ड्यूटी के दौरान जरूरत पड़ने पर निशुल्क और कैशलेस चिकित्सीय सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें आयुष्मान योजना से जुड़े कार्मिकों के अलावा जो कार्मिक योजना से नहीं भी जुड़े हैं, उन्हें भी यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। प्रत्येक बूथ के लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। हर बूथ पर जो भी टीम जाएगी, उसे चिकित्सीय सेवा के लिए किससे संपर्क करना है। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक केंद्र कौन सा होगा, इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। बूथों में दवाइयों के आकस्मिक किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोगदंडे ने बताया कि सी-विजिल एप से अभी तक राज्य में 9,318 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 8,930 का निस्तारण किया जा चुका है। 369 शिकायतें सही न पाए जाने पर ड्रॉप की गई हैं और 19 शिकायतों पर कई स्तरों पर कार्रवाई चल रही है।

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