पांच किमी पैदल चलेंगी पोलिंग पार्टियां, नैनीताल में ये मतदान केंद्र हैं सबसे दूर; जानिए नाम
लोकसभा चुनाव के महापर्व में प्रत्याशियों, उनके समर्थकों के बीच मतदान कर्मियों की भी कड़ी परीक्षा होगी। नैनीताल जिले में कई मतदान कर्मियों को पहाड़ में 140 किमी का सफर बस में करना होगा, तो कई तो सौ से अधिक किलोमीटर का सफर करने के बाद तीन से चार किलोमीटर की दूरी पैदल ही नापनी होगी। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में उत्तराखंड में 19 अप्रैल को मतदान है। इसके लिए नैनीताल जिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मतदान के लिए टीमों को भेजने की रूपरेखा भी बनने लगी है। 17 अप्रैल से नैनीताल जिले के दूरस्थ मतदान केंद्रों के लिए टीमें रवाना होने लगेंगी।
नैनीताल जिले की बात करें तो सड़क से सबसे दूर कचिलाकोट और सुनकोट मतदान केंद्र हैं, जहां पहंचने के लिए पहले मतदान कर्मियों को 125 किमी की दूरी बस से तय करनी होगी, इसके बाद उसी दिन 3 से 4 किमी की पैदल चढ़ाई भी चलनी पड़ेगी।
वहीं सबसे अधिक पैदल दूरी वाला बूथ भीमताल विधानसभा में रीखाकोट है, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को पांच किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ेगी। इससे पहले हल्द्वानी से कालागढ़ी तक 85 किमी का पैदल सफर भी टीम को करना होगा। वहीं विरसिंगिया व अपर्ना 4 किमी, कैड़ागांव-कुकना 3 किमी की पैदल दूरी पर है। जाजर, गहना, सुनकोट 2 किमी की दूरी पर हैं। जबकि कुंडल की सड़क से पैदल दूरी 2.5 किमी है।
मतदान के लिए जागरूकता अभियान जारी है। मतदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। जल्द ही कुमाऊं गीत की लांचिंग की जाएगी। – सुरेश अधिकारी, जिला समन्वयक स्वीप नैनीताल।
कल कुमाऊंनी गीत किया जाएगा लांच