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एआई के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने को दी जानकारी

हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विशेषज्ञों ने एआई के माध्यम से प्रौद्योगिकी और समाज के भविष्य को आकार देने की संभावनाओं पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. स्वामी राम के चित्र के सम्मुख दीप जलाकर किया गया। कार्यशाला में बीटेक, बीसीए, एमसीए और बीएससी ऑनर्स डेटा साइंस के 103 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। एसआरएचयू के महानिदेशक (शैक्षणिक विकास) डॉ. विजेंद्र चौहान ने कहा कि आने वाला युग तकनीक आधारित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है। भारत में अभी यह शुरुआती अवस्था में है। देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें इसे लेकर प्रयोग किए जा सकते हैं। डॉ. चौहान ने एआई संचालित डायग्नोस्टिक टूल विकसित करना, स्मार्ट हेल्थकेयर सिस्टम डिजाइन करना और रोगी परिणामों में सुधार के लिए डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाना आदि तरीकों पर छात्रों को अपना योगदान देने की बात कही। गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. मयंक अग्रवाल ने आईबीएम की वाटसन तकनीक के माध्यम से एआई के महत्वपूर्ण योगदान और व्यापक समझ के विषय में जानकारी दी। इस दौरान एचएसएसटी के प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. पूजा बलूनी, डॉ. अनुपमा मिश्रा सहित फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे।

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