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बर्फबारी की कमी से कम होगी सेब की मिठास

मुक्तेश्वर (नैनीताल)। फल पट्टी क्षेत्र से विख्यात रामगढ़, मुक्तेश्वर, धानाचूली के सेब उत्पादक किसान इस बार बर्फबारी नहीं होने से सेब के उत्पादन को लेकर चिंतित हैं। बर्फबारी नहीं होने से सेब के बागानों में लगे पेड़ पर फूल कम मात्रा में आने से सेब का उत्पादन 40 प्रतिशत तक गिरने का अंदेशा है। इससे किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ेगा। मुक्तेश्वर, रामगढ़, हरतोला, नथुवाखान, धानाचूली क्षेत्र में सेब की बागवानी से किसान अपनी आजीविका चलाते हैं। जिले में 1027 हेक्टेयर भूमि पर 4543 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है लेकिन इस बार बर्फबारी नहीं होने पर सेब का उत्पादन गिरने की आशंका है। जिले में गाला, जीरो मान, रेडलम गाला, ग्रीन स्मिथ, रेवीड गाला, डेलीसस समेत अन्य प्रजातियों के सेब लगाया जाता है। इन प्रजातियों का सेब दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, पंजाब, यूपी समेत अन्य बड़े राज्यों में 200 रुपये किलो तक बिकता है। सेब के बेहतर उत्पादन के लिए सेब के लिए 46 दिन की चिलिंग की जरूरत होती है। सेब उत्पादक, देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सेब के लिए बर्फबारी का होना बेहद जरूरी है। बर्फबारी नहीं होने से सेब को नमी नहीं मिल पाई है। इससे सेब का उत्पादन, सेब के साइज के साथ आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ेगा। पेड़ में फूल नहीं टिक पाने से उत्पादन की समस्या बढ़ी है। महेश गलिया ने बताया कि बर्फबारी नहीं होने से सभी सेब उत्पादक चिंतित है। साथ ही बारिश नहीं होने से आडू और फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। फलों का उत्पादन कम होने से आय पर असर पड़ेगा। समय से बर्फबारी और बारिश नहीं होने से दिक्कत आ रही है। मुख्य उद्यान अधिकारी, आरके सिंह ने बताया कि जिले में इस बार बर्फबारी नहीं हुई है लेकिन सेब के लिए जो चिलिंग की जरूरत होती है वह मिल पाई है। इससे उत्पादन में कमी नहीं आएगी। हालांकि सेब के उत्पादन के बाद ही असली स्थिति का पता चल पाएगा।

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