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चेक बाउंस के आरोपी को तीन माह का सश्रम कारावास

न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बाउंस के आरोपी को दोष सिद्ध करार देते हुए तीन माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर छह लाख का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें से पांच लाख 98 हजार की राशि प्रतिवादी को प्रतिकर के रूप में देनी होगी। जबकि दो हजार की धनराशि जुर्माने के तौर पर राजकोष में जमा करनी होगी। जुर्माना न भरने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास होगी। 13 जून 2019 को ऋषिकेश लुडिंदा एलजे रोड ऋषिकेश निवासी साहिल अरोड़ा ने न्यायालय में वाद दायर किया था। साहिल ने न्यायालय को बताया था कि सचिन जाटव निवासी पुरानी जाटव बस्ती से उसकी पुरानी जान-पहचान थी। सचिन ने नया काम शुरू करने के लिए 4 अप्रैल 2017 से 10 अप्रैल 2018 तक आवश्यकतानुसार छह लाख रुपये की धनराशि ली थी। सचिन ने दिसंबर 2018 तक उक्त पूर्ण धनराशि को लौटाने की बात कही थी। लेकिन नहीं लौटाई। जनवरी 2019 में सचिन ने दो-दो लाख के तीन चेक दिए। चेक खाते में जमा कराए तो बाउंस हो गए। जिसकी जानकारी सचिन को भी दी गई। बावजूद सचिन ने धनराशि नहीं लौटाई। जिस पर उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने आरोपी सचिन को दोष सिद्ध पाते हुए फैसला सुनाया है।

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