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नए प्रतिमानों की खोज भावी पीढि़यों के लिए बेहतर दुनिया बनाने का अवसर : प्रो. जोशी

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें संचार, कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स के प्रतिमान विषय पर वक्ताओं ने व्याख्यान दिया। विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में प्रभावी ढंग से संचार करने, डेटा की शक्ति का उपयोग करने और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की क्षमता पहले से कई अधिक महत्वपूर्ण है। नए प्रतिमानों की खोज करके हमारे पास सकारात्मक बदलाव लाने और भावी पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने का अवसर है। उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तकनीकी के विस्तार के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। जैसे जैसे हम बड़े डेटा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल संचार के क्षेत्र में गहराई से उतरते हैं, हमें नैतिकता, गोपनीयता और सामाजिक न्याय के सतर्क संरक्षक बने रहना चाहिए। परिसर निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने कहा यह सम्मेलन नवाचार, सहयोग और परिवर्तनकारी परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक बनेगा। डाॅ. गौरव वार्ष्णेय ने कहा कि सम्मेलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ अल्जीरिया, इराक, मोरक्को, सर्बिआ, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, वियतनाम आदि देशों के शोधार्थी आभासी माध्यम से प्रतिभाग कर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। डीन विज्ञान संकाय के प्रो. गुलशन धींगरा ने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से हमें शोध के लिए संयुक्त अभियान और मानवीय समझ की सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता से एकजुट होना है। सॉफ्ट कंप्यूटिंग रिसर्च सोसाइटी के महासचिव साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के डॉ. जगदीश चंद्र बंसल ने कहा कि श्रीदेव सुमन विवि गुणवत्तापूर्ण शोध के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है। इस मौके पर प्रो. निश्चल कुमार वर्मा, प्रो. अनीता तोमर, प्रो. डीसी गोस्वामी, प्रो. कंचनलता सिन्हा, प्रो दीपा शर्मा, डॉ. शिवांगी उपाध्याय, शिखा वार्ष्णेय, दीपक उपाध्याय, राहुल सुयाल, संजय तिवारी, संजीव सेमवाल आदि ने विचार व्यक्त किया।

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