Sat. Nov 23rd, 2024

पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक है प्लास्टिक

पंतनगर। वरदान समझा जाने वाला प्लास्टिक पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन गया है। यह जल, मृदा और वायु के साथ मिलकर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक डॉ. मणिंद्र मोहन ने बताया कि प्लास्टिक के आर्थिक व सामाजिक लाभ सहित कई महत्वपूर्ण उपयोग हैं। लेकिन इसके गंभीर पर्यावरणीय व स्वास्थ्य संबंधित परिणाम देखने को मिल रहे हैं। शोध से पता चला है कि प्लास्टिक के माइक्रो व नैनो पार्टिकल्स सांस व आंत से अवशोषित होकर शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे लीवर, गुर्दा, फेफड़ा, प्लीहा, ब्रेन एवं ब्लड तक पहुंच रहे हैं। एक अध्ययन में नवजात शिशुओं के प्लेसेन्टा में माइक्रो प्लास्टिक के मौजूदगी का पता चला है। एक अध्ययन में बताया गया है कि प्लास्टिक के सूक्ष्मकण यानी नैनो प्लास्टिक मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एक विशेष प्रोटीन के संपर्क में आकर पार्किंसन रोग के खतरे को बढ़ाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed