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एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को मेडल से नवाजा

एम्स के चौथे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी एक बहुत बड़े और अच्छे सामाजिक बदलाव की तस्वीर प्रस्तुत करती है। एम्स दीक्षांत समारोह में भी पदक विजेताओं में छात्राओं की संख्या अधिक है। यह भी एम्स ऋषिकेश के लिए और पूरे समाज के लिए गर्व की बात है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। राष्ट्रपति ने शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदकों से नवाजा। कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तर की शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स संस्थानों की बहुत बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। मेडिकल कॉलेज के रूप में एम्स संस्थानों ने सर्वश्रेष्ठ मापदंड स्थापित किए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक छात्र-छात्राओं का यह सपना होता है कि वो डॉक्टर बनें। उनमें से आप जैसे कुछ छात्र-छात्राएं ही यह सपना पूरा कर पाते हैं। कड़ी मेहनत और परिश्रम के बल पर यह सफलता अर्जित कर पाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि यहां के विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सर्वे संतु निरामया… यानी सभी लोग रोगमुक्त हों। यह हम लोगों की पारंपरिक प्रार्थना है। इस प्रार्थना में निहित आदर्श को एम्स ऋषिकेश ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्य के रूप में अपनाया है। कहा एम्स का ध्येय वाक्य है.. विश्वारोग्यं हि धर्मो नः पूरे विश्व को सु-स्वस्थ एवं रोग-मुक्त बनाना हमारा धर्म, यानी आदर्श है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एम्स के सभी छात्र, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स संस्थान के इस ध्येय वाक्य को ही निजी जीवन और सेवा में अपना ध्येय वाक्य बनाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि में सबसे अच्छा और कम से कम खर्च में इलाज होना भी एम्स की पहचान है।

आरोग्य भूमि के रूप में स्थापित हो उत्तराखंड की ख्याति
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आयुर्वेद सहित भारतीय परंपरा की उपचार पद्धतियों के लिए उत्तराखंड में अनेक लोकप्रिय स्वास्थ्य केंद्र हैं। एम्स ऋषिकेश में एलोपैथी के साथ-साथ आयुष चिकित्सा पद्धतियों से भी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चाहूंगी कि व्यापक स्तर पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हुए उत्तराखंड की इस देवभूमि की ख्याति आरोग्य भूमि के रूप में भी स्थापित हो।

14 में से 10 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले
एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में छात्राओं का बोलबाला रहा। 14 स्वर्ण पदकों में से 10 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले। जबकि चार स्वर्ण पदक छात्रों की झोली में आए। 10 सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को 14 स्वर्ण पदकों से पुरस्कृत किया गया। 10 स्वर्णपदक विजेताओं में शामिल सात छात्राओं ने 10 स्वर्ण पदक अपने नाम किए। वहीं एक रजत व एक कांस्य पदक भी छात्राओं की झोली में आए। इस तरह समारोह में वितरित कुल 16 पदकों में से 12 पदक छात्राओं के नाम रहे।

दीपिका मेहता को मिले चार स्वर्ण पदक
एमबीबीएस की छात्रा दीपिका मेहता को सबसे अधिक चार स्वर्ण पदक मिले। दीपिका ने प्रेजीडेंट गोल्ड मेडल, टॉपर इन थर्ड प्रोफेशनल गोल्ड मेडल, प्रो. अनिल कुमार गुलाटी गोल्ड मेडल फॉर टॉपर इन फार्माकोलॉजी और प्रो. अनिल कुमार गुलाटी गोल्ड मेडल फॉर थर्ड प्रोफेशनल अपने नाम किए।

छात्र फलक को मिले दो स्वर्ण पदक
छात्र फलक धाका को दो स्वर्ण पदक मिले। जिसमें गोल्ड मेडल सेकेंड प्रोफेशनल और प्रो. रविकांत गोल्ड मेडल फॉर जनरल सर्जरी शामिल हैं।

किस बैच के कितने छात्र-छात्राओं को मिली उपाधि

– एमबीबीएस
2013 बैच- 1
2015 बैच- 1
2017 बैच- 98

– बीएससी नर्सिंग
2017 बैच- 57
2018 बैच- 97
2019 बैच- 100

– एमडी/एमएस/एमडीएस
जनवरी 2020- 4

जनवरी 2021- 111
– डीएम/एमसीएच

जनवरी 2021 बैच- 31
– एमएससी नर्सिंग

जनवरी 2021 बैच- 9
– मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ

जनवरी 2022 बैच- 10
– पीएचडी, 2017 बैच- 12

– बीएससी एलाइड साइंस
2019-20 बैच- 67

इन्हें मिला गोल्ड मेडल
1. दीपिका मेहता (एमबीबीएस, सत्र 2017)- प्रेजीडेंट गोल्ड मेडल और गोल्ड मेडल फाॅर ईच प्रोफेशनल
2. अंजलि यादव (एमबीबीएस, सत्र 2017) गोल्ड मेडल फर्स्ट प्रोफेशनल
3. फलक धाका (एमबीबीएस, सत्र 2017) गोल्ड मेडल सेकंड प्रोफेशनल
4. दीपिका मेहता (एमबीबीएस, सत्र 2017) गोल्ड मेडल थर्ड प्रोफेशनल
5. दीपिका मेहता (एमबीबीएस, सत्र 2017), प्रो. अनिल कुमार गुलाटी गोल्ड मेडल फॉर फार्माकोलॉजी
6. दीपिका मेहता (एमबीबीएस, सत्र 2017), प्रो. अनिल कुमार गुलाटी गोल्ड मेडल फॉर थर्ड प्रोफेशनल
7. फलक धाका (एमबीबीएस, सत्र 2017) प्रो. रविकांत गोल्ड मेडल फॉर जनरल सर्जरी
8. अक्षत ककानी (एमबीबीएस, सत्र 2017) प्रो. शशि प्रतीक गोल्ड मेडल फॉर ऑब्सट्रिक्स एंड गायनोकॉलोजी।
बीएससी नर्सिंग (आनर्स)
9. ललिता शर्मा (बैच 2017)
10. नंदनी भाटिया (बैच 2018)
11. सनमीत कौर (बैच 2019)
12. विप्रा (बैच 2020)

एमएससी नर्सिंग
13. मंजीत (बैच 2021)

डीएम/एमसीएच
14. डाॅ. कार्तिक के (बैच 2021 जनवरी) डीएम क्लीनिकल हेमेटोलॉजी

इन्हें मिला सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल
फलक धाका (एमबीबीएस, सत्र 2017)- डायरेक्टर सिल्वर मेडल
अंजलि यादव (एमबीबीएस, सत्र 2017)- डींस ब्रॉन्ज मेडल

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