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पहले खुद सीखेंगे, फिर छात्रों को पढ़ाएंगे गुरुजी, नए शिक्षा सत्र से प्रशिक्षण देने पर चल रहा मंथन

देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू हो चुकी है। इस शिक्षा नीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। स्कूल-कालेजों में पढ़ाई के दौरान रट्टा मारने वाली व्यवस्था खत्म हो और बच्चों में समझ कर सीखने की क्षमता बढ़े। इसको लेकर अब उत्तराखंड बोर्ड प्रदेश के शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा।उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद अब नए सत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्य योजना तैयार कर रहा है। ऐसे में सभी विषयों के सवालों को गुरुजी आसान भाषा में छात्रों को समझा सके, इसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। जब शिक्षक किसी भी सवाल का आसान भाषा में उत्तर देंगे तो छात्र आसानी से प्रश्न का उत्तर दे सकेगा और भूलेगा नहीं। बोर्ड परीक्षा में 12वीं के गणित विषय में कुछ प्रश्न आउट ऑफ सेलेबस आने की शिकायत हुई थी, हालांकि बोर्ड की ओर से बोनस अंक दिए जा रहे हैं। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार प्रश्न आउट ऑफ सेलेबस नहीं थे, प्रश्न पूछने का पैटर्न बदला हुआ था। यदि शिक्षकों को पैटर्न की जानकारी होती तो वह छात्रों को बताते। बोर्ड कार्यालय से समय-समय पर प्रश्न पैटर्न सहित आदि जानकारी विद्यालयों को भेजी जाती है, लेकिन शिक्षक इस ओर ध्यान नहीं देते।

मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षण देने की योजना
बोर्ड अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 13 जिलों में मुख्यालय स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की योजना पर विचार विमर्श चल रहा है। नए सत्र से इस योजना पर युद्धस्तर पर कार्य किया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण में बताया जाएगा कि किस तरह से कठिन सवालों का आसानी से उत्तर से दे सकेंगे। ऐसे में शिक्षकों को सवाल समझ में आएगा तो आसानी से सवाल हल कर छात्रों को समझाएंगे।

प्रदेश में एक से बढ़कर एक शिक्षक हैं, जो अपने-अपने विषय में निपुण हैं। पाठ्यक्रम में हर वर्ष बदलाव हो रहा है, लेकिन शिक्षक अब भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। ऐसे में नए पाठ्यक्रम के साथ ही शिक्षकों को भी अपग्रेड होना चाहिए। यदि शिक्षक अपग्रेड होंगे तो वह आसानी से छात्रों को पढ़ा सकेंगे।

शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए नए सत्र से उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना पर कार्य चल रहा है। शिक्षक अपग्रेड होंगे, तभी वह छात्रों को रट्टा मारकर नहीं, समझाकर पढ़ाएंगे। इसके लिए जनपद मुख्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे, जिसमें शिक्षक बदले हुए पैटर्न से रूबरू हो सकेंगे।

महावीर सिंह बिष्ट, सभापति उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद

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