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अनुसंधान और अनुशासन के बिना बीमारियों का निदान संभव नहीं

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमें जिनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स व सूक्ष्म जीव विज्ञान और रिकंबाइनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी में नवाचार और अनुप्रयोग पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। बृहस्पतिवार को कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सीमा डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पी. नारायण प्रसाद ने संपूर्ण मानव जीनोम अनुक्रमण से किसी भी बीमारी के निदान की उपयोगिता को समझाया। उन्होंने सीमा डेंटल कॉलेज और श्रीदेव सुमन विवि के मध्य अनुबंध का आग्रह किया। डीएनए लैब देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि वर्तमान युग में बिना अनुसंधान और अनुशासन के बीमारियों का निदान संभव नहीं है। इसलिए चिकित्सा जगत से जुड़े छात्रों के लिए इस प्रकार की कार्यशाला महत्वपूर्ण होती है। तकनीकी सत्र में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून के प्रोफेसर डॉ. शलभ जौहरी ने फ्लो साइटोमेट्री को शक्तिशाली उपकरण बताया। जिसका इम्यूनोलॉजी, वायरोलॉजी, आणविक जीवविज्ञान, कैंसर जीवविज्ञान और संक्रामक रोग निगरानी जैसे कई विषयों में अनुप्रयोग होता है। प्रशिक्षण सत्र में डॉ. अंकिता सिंह और शशि भूषण ने क्लीनिकल प्लांट सैंपल से न्यूक्लिक एसिड को पृथक करने की विधि और मैग्नेटिक बेड विधि बताई। इस दौरान राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी के डॉ. अभय श्रीवास्तव, संकायाध्यक्ष प्रो. डीसी गोस्वामी, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव, डॉ. अहमद परवेज, डॉ. लिली माधुरी, डॉ. अभय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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