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जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई, अभी तक इतने लोगों पर हुए मुकदमे दर्ज

नैनीताल जिले में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए शनिवार को एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर ने पानी की बौछार की थी। अब आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। इन जवानों को नैनीताल वन प्रभाग के संवेदनशील मनोरा और भवाली रेंज में तैनात किया है। वहीं, प्रदेश में जंगल की आग की घटनाओं में कमी आई है। बीते 24 घंटे में राज्य में वनाग्नि की आठ घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। इसमें कुमाऊं मंडल में चार घटनाएं हुई हैं।

जंगल की आग की दृष्टि से नैनीताल जिला संवेदनशील बना हुआ है। नैनीताल वन प्रभाग में जंगल की आग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए उठाये जा रहे कदमों की समीक्षा के लिए सीएम ने हल्द्वानी में समीक्षा बैठक की थी। वहीं, एयरफोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों की आग बुझाई थी। अब जंगल की आग पर काबू पाने में मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई है।

नैनीताल वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ के 40 जवान पहुंचे हैं, इसमें 30 जवानों को महेश खान (भवाली रेंज) और दस को मनोरा रेंज में तैनात किया है। यह रेंज आग की दृष्टि से अधिक संवेदनशील बना हुआ है। नैनीताल वन प्रभाग में 250 नियमित वनकर्मी तैनात हैं। 300 फायर वॉचर भी आग बुझाने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। जंगल में आग की घटना में कमी आई है। 27 अप्रैल को राज्य में वनों की आग की 23 घटनाएं और रविवार को आठ घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। इसमें गढ़वाल मंडल में दो, कुमाऊं मंडल में चार और वन्यजीव क्षेत्र में दो घटनाएं हुई है। इन घटनाओं में कुल 11.75 हेक्टेअर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। नवंबर-2023 से अब तक प्रदेश में जंगल की आग की 606 घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें करीब 735 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल प्रभावित हुए हैं

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