चिकित्सा देखभाल और कानूनी प्रणाली में फोरेंसिक नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के सहयोग से सेमिनार का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने चिकित्सा देखभाल और कानूनी प्रणाली में फोरेंसिक नर्सों की भूमिका पर चर्चा की। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली के फोरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास ने कहा कि चिकित्सा देखभाल और कानूनी प्रणाली के बीच की दूरी को कम करने में फोरेंसिक नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण है। नर्स उन रोगियों की देखभाल करने में एक्सपर्ट होती हैं जो हिंसा, दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी और अन्य अपराधों से पीड़ित होते हैं। फोरेंसिक नर्स द्वारा पूरा किया गया मरीज का मूल्यांकन अदालत में सबूत बन सकता है। इसमें नर्स के नोट्स, ली गई तस्वीरें, एकत्र किए गए नमूने और पीड़ित द्वारा प्रदान की गई जानकारी शामिल हैं। आयोजन समिति अध्यक्ष एवं नर्सिंग कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संचिता पुगाजंडी ने साक्ष्य संग्रह, संकट हस्तक्षेप प्रबंधन, शारीरिक और मानसिक आघात का सामना करने वाले रोगियों के लिए विशेष चिकित्सा देखभाल में फोरेंसिक नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। एम्स ऋषिकेश के फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. आशीष भूटे, एचआईएमएस से डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने व्याख्यान दिया। इस दौरान सह-अध्यक्ष डॉ. संजय दास, वाइस प्रिंसिपल डॉ. कमली प्रकाश, डॉ. कंचन बाला, लक्ष्मी कुमार उपस्थित रहे।