सूखने के कगार पर पहुंचे 60 जल स्रोतों का किया जाएगा संरक्षण
उत्तरकाशी। जिले में सूखने के कगार पर पहुंचे 60 जल स्रोतों और 20 सहायक नदियों का संरक्षण व संवर्द्धन किया जाएगा। स्प्रिंग एंड रीवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी (सारा) के तहत खंतियां, चाल-खाल, चैक-डैम, रिचार्ज पिट आदि जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के साथ ही पौधरोपण किया जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सारा के तहत प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को अभियान को गंभीरता से लेने तथा कन्वर्जेंस के माध्यम से जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के तय कार्यों को तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा कि कार्ययोजना के तहत आरक्षित वन क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों के लिए वन विभाग को जरूरत पड़ने पर जिला योजना मद से धनराशि स्वीकृत किए जाने के साथ ही मनरेगा से कन्वर्जेंस कराने का भी प्रयास किया जाएगा। सीडीओ जय किशन ने अभियान के संचालन व मनरेगा से सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत की। सीएओ जेपी तिवारी एवं परियोजना निदेशक डीआरडीए पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने कार्ययोजना प्रस्तुत की। इस मौके पर डीएफओ टौंस डीपी बलूनी, डीएफओ अपर यमुना रविंद्र पुंडीर, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस रावत, जल संस्थान एलसी रमोला, विनोद पांडेय, लघु सिंचाई भरत राम, एई जल निगम टीएस भंडारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल मौजूद रहे। संवाद