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7 और 13 को मतदान दिवस पर सवैतनिक अवकाश, नहीं कटेगा पैसा, जानें मतदाता का अधिकार

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भोपाल में मतदान दिवस 07 मई 2024 को सवैतनिक अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर के आदेश के अनुसार जिले की सभी विधानसभाओं में सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति जो मतदाता है और मतदान करने का हकदार है, सभी को मतदान दिवस पर सवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। दैनिक मजदूर, आकस्मिक श्रमिकों को भी मतदान के दिन अवकाश तो मिलेगा ही वहीं वे मजदूरी प्राप्त करने के पात्र भी होंगे। कलेक्टर ने सभी दुकानों, फैक्ट्रियों, निजी, शासकीय ऑफिसों के संचालकों से आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

तीसरे चरण का मतदान जारी

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 4 चरणों में लोक सभा चुनाव हो रहे हैं। प्रथम दो चरण 19 और 26 अप्रेल को संपन्न हो चुके हैं। वहीं तीसरे चरण की वोटिंग आज मंगलवार 7 मई को जारी है। अगर आपके क्षेत्र में भी मतदान आज ही है, तो अभी बॉस से परमिशन लें औ मतदान करने पहुंचे। आज सवैतनिक अवकाश है, आज आप छुट्टी लेंगे तो आपकी सैलरी नहीं कटेगी।

मध्यप्रदेश में चौथा चरण 13 को

बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव का चौथा चरण 13 मई को होगा। इस दौरान 8 लोकसभा क्षेत्रों में छुट्टी रहेगी। 8 सीटों पर होने वाले मतदान में 74 प्रत्याशी मैदान में है। जिन सीटों पर चुनाव होने वाला है, उनमें देवास में 8, उज्जैन में 9, मंदसौर में 8, रतलाम में 12, धार में 7, इंदौर में 14, खरगोन में 5 और खंडवा में 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।

वोट प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास

बता दें कि मध्यप्रदेश में पहले और दूसरे चरण में वोट प्रतिशत कम रहा है। पार्टियों 7 मई और 13 मई को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। पहले दो चरण में 12 सीटों पर वोट डाले गए थे। इनमें वोट प्रतिशत का कारण विवाह और गर्मी भी बताया गया है।

नहीं मिल रही छुट्टी को जानें मतदाता का अधिकार

अगर आपको मतदान करने के लिए लिव नहीं मिल रही है तो मतदाता के रूप में आपका अधिकार है कि आप चुनाव आयोग या उसके द्वारा नामित प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। भारत के चुनाव आयोग या राज्य चुनाव आयोग में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत मिलते ही कंपनी या संस्थान जांच के दायरे में आ जाएंगे। नियमानुसार उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। मामले के आधार पर चुनाव आयोग सार्वजनिक प्राधिकरण के आदेश का उल्लंघन करने के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत एफआईआर भी दर्ज कर सकता है।

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