Fri. Nov 1st, 2024

आयु की बाध्यता नहीं आएगी आडे, यूकेजी के बच्चों को मिलेगा पहली में प्रवेश

हल्द्वानी। वर्तमान में जो बच्चे प्री प्राइमरी स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें कक्षा एक में प्रवेश की अनुमति पूर्व की भांति प्रदान की गई है। इस संबंध में सचिव रविनाथ रामन ने उत्तराखंड निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (संशोधन) नियमावली को लेकर शासनादेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के नए नियमों के मुताबिक नर्सरी में प्रवेश की आयु सीमा तीन वर्ष और कक्षा एक में प्रवेश की आयुसीमा छह वर्ष पूर्ण होना जरूरी है। इसके चलते यूकेजी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आयु कम होने पर कक्षा एक में प्रवेश नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में यूकेजी के बच्चों को दोबारा यूकेजी में ही एडमिशन लेना पड़ता, लेकिन शासन की ओर से नियमों में संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक वर्तमान में जिन बच्चों ने प्री प्राइमरी स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में प्रवेश लिया है, उन्हें कक्षा एक में अध्ययन की अनुमति पूर्व के वर्षों की भांति प्रदान की जाएगी। ताकि उनके आगे की पढ़ाई की निरंतरता में कोई व्यवधान ना हो। आगामी वर्षों में प्री प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के लिए यह बाध्यकारी होगा कि वे प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार करें कि केवल छह वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चे ही कक्षा एक में प्रवेश ले सकें। साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया इस प्रकार अपनाई जाएगी कि 18 वर्षों की आयु पूर्ण होने तक उनकी प्रारम्भिक शिक्षा निर्बाध रूप से पूरी हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *