राजस्व नहीं इस बार पशुपालन विभाग करेगा पशुओं की गणना
चंपावत। पशुपालन विभाग की ओर से एक अक्तूबर से 20वीं पशुगणना शुरू की जाएगी। इसके लिए विभागीय तैयारियां शुरू हो गई हैं। अब तक पशु गणना का कार्य राजस्व विभाग की ओर से किया जाता था। पहली बार पशुगणना का कार्य पशुपालन विभाग के कर्मियों की ओर से किया जाएगा।
पशु गणना में हर तरह के पशुओं की अलग-अलग गणना की जाएगी। पशुगणना में पशुओं की नस्लों के विवरण को एकत्र किया जाएगा। इससे नस्ल सुधार के लिए नीतियां तैयार करने में सरकार को मदद मिल सकेगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बसुंधरा के अनुसार हर छह साल के अंतराल में देश में पशुगणना की जाती है। इस बार पशुगणना के आंकड़ों को टैबलेट या कंप्यूटर के जरिए एकत्र किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में कौन सी नस्ल के पशु ज्यादा हैं
चंपावत। पशुगणना में गाय, भैंस, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, गधा, खरगोश, ऊंट, कुत्ते, हाथी की अलग-अलग गिनती की जाएगी। इसके अलावा उल्लू, बतख, ऐमू, टर्की और अन्य पक्षियों की गिनती की जाएगी। इनमें पालतू जानवरों के साथ ही लावारिस मवेशी भी शामिल रहेंगे।
चंपावत। राज्य सरकार की ओर से पशुओं की गणना के लिए एक विशेष साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसमें संबंधित पशु मालिक का नाम, पशु की फोटो, पशु संख्या, पशु का प्रकार और पशु की नस्ल की पूरी जानकारी सुरक्षित रहेगी।
चंपावत। पशुगणना में पहली बार पालतू बिल्लियों की गणना भी की जाएगी। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. कोमल सिंह ने बताया कि पशुगणना के दौरान संबंधित पशुओं में यूनिक नंबर वाला टैग भी लगाया जाएगा।