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सरकार ने मांगी थी 120 कामों की अनुमति चुनाव आयोग से 100 काम मंजूर, पर गरीब परिवारों का राशन और जीएडी में 13% भर्ती का मामला अटका

मप्र में चुनाव आयोग के पास सरकार की ओर से जिन 120 कामों की मंजूरी मांगी गई थी, उसमें से 100 में ही सशर्त मंजूरी मिली है। इन कामों से वोटर को प्रभावित नहीं किया जाएगा। दरअसल, 4 जून को चुनाव नतीजे आने तक आचार संहिता प्रभावी रहेगी।

ऐसे में मप्र के 47 हजार गरीब परिवारों को 20 किलो अनाज (गेहूं-चावल) और एक किलो नमक के लिए अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि इनकी पात्रता पर्ची पेंडिंग में चली गई है। इसके साथ ही विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की निधि से नए काम पर भी रोक बरकरार रहने वाली है। पूरे प्रदेश में ‘माननीयों’ की निधि से होने वाले ढाई हजार से ज्यादा कामों की सूची है।

यहां बता दें कि 16 मार्च से देश में आचार संहिता लागू है। दूसरी तरफ आयोग ने जिन कामों की मंजूरी नहीं दी है, उनमें पात्रता पर्ची का मामला बड़ा है। चार जून तक इनके लाभार्थियों की संख्या और बढ़ जाएगी। आयोग का मानना है कि पात्रता पर्ची से सीधे वोटर प्रभावित हो सकता है।

इन कामों को आयोग की मंजूरी नहीं

  • लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा : फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स जो इंटर्नशिप करने आते हैं, उन्हें स्टायपेंड।
  • एमएसएमई : जिलों के उत्पादों को टेंडर पोर्टल पर अपलोड नहीं करने दिया गया।
  • उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण : राज्य और केंद्र के हितग्राहियों के चयन करने का मामला टाला गया। जिलों के लक्ष्य रोके गए।
  • सामान्य प्रशासन : अलग-अलग विभागों में प्रोविजिनल मैरिट के तहत रुके 13 प्रतिशत पदों पर भर्ती पर रोक बरकरार है।

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