चेक बाउंस मामले में तीन माह का कारावास
न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बाउंस के अभियुक्त को दोष सिद्ध करार दिया। अभियुक्त को तीन माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने अभियुक्त पर 532000 का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें 5 लाख 30 हजार परिवादी को प्रतिकर के रूप में देय होंगे। जबकि दो हजार की धनराशि जुर्माने के तौर पर राजकोष में जमा कराने होंगे। जुर्माने की धनराशि जमा न करने पर 15 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। प्रतीत नगर रायवाला निवासी मोहम्मद अशरफ अली ने 29 अगस्त 2019 को न्यायालय में वाद दायर किया था। मोहम्मद अशरफ अली ने अदालत को बताया था कि अब्दुल मजीद उर्फ मामा निवासी निकट पेट्रोल पंप रायवाला से पुरानी जान पहचान थी। मजीद ने निजी काम की बात कह कर 20 फरवरी 2019 को उससे 5 लाख 30 हजार रुपये उधार मांगे थे और चार माह के भीतर धनराशि लौटाने की बात कही थी। लेकिन निर्धारित समयावधि में धनराशि नहीं लौटाई।अली ने बताया कि जब उसने अपने पैसे मांगे तो मजीद ने उसे अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की रायवाला शाखा का 5 लाख 30 हजार रुपये की धनराशि का चेक दिया। जब चेक एकाउंट में लगाया गया तो बैंक ने अपर्याप्त धनराशि की बात कह कर वापस लौटा दिया। इस बात की सूचना मजीद को दी गई। बावजूद इसके मजीद ने धनराशि नहीं लौटाई। जिस पर उसे मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने फैसला सुनाया। अभियुक्त अब्दुल मजीद को दोष सिद्ध करार देते हुए तीन माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।