मैं चाहता हूं कि लोग मुझे..’, संन्यास के बाद सुनील ने की फैंस से खास अपील, जानें क्या कहा
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को संन्यास का एलान किया था। उन्होंने बताया था कि छह जून को वह कुवैत के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मुकाबला खेलेंगे। छेत्री के संन्यास से भारतीय फुटबॉल के एक युग का अंत हो जाएगा। वह 2011 से टीम इंडिया के कप्तान हैं। सुनील ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। संन्यास की घोषणा के बाद बताया कि वह चाहते हैं उनके फैंस उन्हें एक मेहनती और अच्छे दिखने वाले खिलाड़ी के रूप में याद रखें। छेत्री ने कहा, “मैं चाहता हूं कि लोग मुझे एक मेहनती और अच्छे दिखने वाले खिलाड़ी के रूप में याद रखें। मैंने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया कि मैं अपने पीछे क्या छोड़कर जाऊंगा। मैं चाहता हूं कि जब फैंस मुझे याद करें, तो उन्हें सोचना चाहिए कि मैं एक मेहनती खिलाड़ी था।”39 साल की उम्र में भी अभी छेत्री काफी फिट दिखते हैं और पिछले दो साल में कई रिकॉर्ड को धराशाई कर चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा था कि सुनील ने बढ़ती उम्र, फिटनेस और थकान की वजह से संन्यास लिया है। अब छेत्री ने इन सभी रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए खुद ही संन्यास के पीछे की वजह का खुलासा किया है। छेत्री ने बताया कि संन्यास के फैसले के पीछे शारीरिक कारण नहीं, बल्कि मानसिक पहलू है। छेत्री ने कहा, ‘संन्यास का फैसला शारीरिक कारणों से नहीं लिया। मेरी फिटनेस अच्छी है और अभी भी दौड़ रहा हूं। डिफेंड कर रहा हूं, मेहनत करना मुश्किल नहीं है। यह फैसला मानसिक पहलू को ध्यान में रखकर लिया है।’ छेत्री ने हालांकि मानसिक स्वास्थ्य के मसले पर ज्यादा कुछ नहीं बताया। मौजूदा दौर में विभिन्न खेलों में यह खिलाड़ियों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। विराट कोहली समेत कई दिग्गज एथलीट्स के मानसिक स्वास्थ्य पर बात कर चुके हैं।
छेत्री ने कहा, ‘मैं खुद से लड़ रहा था। समग्र रूप से सोचने की कोशिश कर रहा था और अचानक यह फैसला लिया। एक साल बेंगलुरू एफसी के लिए खेलूंगा। घरेलू फुटबॉल कब तक खेलूंगा इस बारे में पता नहीं है। उसके बाद ब्रेक लूंगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या बतौर खिलाड़ी करियर खत्म होने के बाद क्या अब वह वह कोचिंग के बारे में सोचेंगे? छेत्री ने कहा, ‘मैं कभी न नहीं कहूंगा। ब्रेक के दौरान इस पर सोचूंगा, लेकिन अभी यह मेरे एजेंडे में प्राथमिकता नहीं है।