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प्रगनानंदा ने कार्लसन को दी खुली चुनौती, कहा- उनके देश में खेलना मेरे लिए मुश्किल नहीं

कई बार मैग्नस कार्लसन को पराजित करने के बाद युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंदा को लगता है कि जब वह 27 मई से शुरू हो रहे नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में कई दफा के विश्व चैंपियन से उनके ही देश में भिड़ेंगे तो उन पर कोई दबाव नहीं होगा। प्रगनानंदा ने अंतिम बार 33 साल के कार्लसन को इस महीने के शुरु में वारसॉ में ग्रैंड शतरंज टूर के सुपरबेट रैपिड और ब्लिट्ज टूर्नामेंट में मात दी थी। प्रगनानंदा के साथ उनकी बहन आर वैशाली भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी। वैशाली पहली बार नॉर्वे शतरंज महिला टूर्नामेंट में खेलेंगी। प्रगनानंदा ने कहा- मुझे नहीं लगता कि मैग्नस से उनके देश में खेलना मेरे लिए कोई चुनौती है। वैसे यह देश में खेलने वाले खिलाड़ी के लिए मायने रखता है, लेकिन मेरे लिए नहीं। 11 दिन तक चलने वाले टूर्नामेंट में घरेलू दावेदार कार्लसन के अलावा विश्व चैम्पियन डिंग लिरेन और हिकारू नाकामुरा जैसे खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे। पिछले साल फिडे विश्व कप में कार्लसन से अपनी प्रतिद्वंद्विता के बारे में भारतीय ग्रैंडमास्टर ने कहा कि यहां का अनुभव उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं में मदद करेगा।

प्रगनानंदा ने कहा- मुझे हमेशा अच्छी चुनौती में मजा आता है। पिछले साल विश्व कप के बाद यह मेरा उनके साथ पहला क्लासिकल मुकाबला होगा। मैं उनके साथ खेलने के लिए काफी उत्साहित हूं और अन्य के खिलाफ खेलने के लिए भी बेताब हूं। इसमें कोई शक नहीं कि यहां का अनुभव मुझे भविष्य के टूर्नामेंट में मदद करेगा। 18 साल के इस खिलाड़ी ने कहा- मैं नॉर्वे शतंरज में खेलने को लेकर काफी उत्साहित हूं। काफी मजबूत दावेदार टूर्नामेंट में खेल रहे हैं। अभी तक मैं जितने भी टूर्नामेंट खेला हूं, उसमें मुझे यह शायद सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी लग रहे हैं। मेरे लिए यह अच्छा मौका है और मैं चुनौती देकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा। उन्होंने कहा, ‘इस साल का कार्यक्रम काफी व्यस्त है। नॉर्वे शतरंज के बाद मैं शतरंज ओलंपियाड के लिए बुडापेस्ट जाऊंगा। मैं इस साल के अंत में ग्लोबल शतरंज लीग में भी खेलूंगा। इस तरह की रोमांचक लीग होना वास्तव में अच्छा है जिससे इस खेल को आगे बढ़ने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। अभी मेरा फोकस नॉर्वे शतरंज पर है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हूं।’ प्रगनानंदा ने कहा कि वह महिला वर्ग में अपनी बहन वैशाली की प्रगति पर भी नजर रखेंगे। उन्होंने कहा- नॉर्वे शतरंज में महिला टूर्नामेंट शुरू होना अच्छा है। यह अच्छी पहल है क्योंकि महिलाओं के लिए ज्यादा टूर्नामेंट नहीं है। इससे अन्य आयोजकों को भी महिलाओं के टूर्नामेंट आयोजित करने का प्रोत्साहन मिलेगा। मेरी बहन भी इसमें खेलेगी। मैं अपनी बहन के प्रदर्शन पर नजर रखूंगा।

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