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चंपावत में पहली बार काले गेहूं का रिकार्ड उत्पादन

चंपावत। जिले में पहली बार काले गेहूं का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। विभिन्न बीमारियों में रामबाण औषधि माने जाने वाले काले गेहूं का उत्पादन अब चंपावत जिले में भी होने लगा है। कई औषधीय गुणों से भरपूर होने से बाजार में काले गेहूं की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। जिला मुख्यालय से लगे मुड़ियानी ग्राम पंचायत के राकड़ीफुलारा निवासी प्रगतिशील काश्तकार तारा दत्त पंगरिया ने पहली बार काले गेहूं का रिकार्ड उत्पादन करने में कामयाबी हासिल की है। बीते तीन वर्षों से काले गेहूं की पैदावार कर रहे तारादत्त ने दूसरे प्रयास में 20 नाली भूमि पर रिकार्ड तीन क्विंटल से अधिक काले गेहूं का उत्पादन किया है। इससे पूर्व पहले चरण में उन्होंने करीब पांच नाली भूमि पर एक क्विंटल से अधिक काले गेहूं का उत्पादन किया था। काश्तकार तारा दत्त के अनुसार उन्हें काले गेहूं की खेती का विचार यू ट्यूब देखकर आया। यू ट्यूब में काले गेहूं की खेती के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद उन्होंने 500 रुपये प्रति किलो की दर से ऑनलाइन काले गेहूं का बीज मंगाया। प्रायोगिक तौर पर पांच नाली भूमि पर बोये गए काले गेहूं का ठीक ठाक उत्पादन हुआ। इसके बाद उन्होंने काले गेहूं की खेती का प्रक्षेत्र बढ़ाने का निर्णय लिया। अगले वर्ष वह 20 नाली से अधिक क्षेत्रफल में काले गेहूं का उत्पादन करेंगे। वर्तमान में काले गेहूं का आटा 600 रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में बिक रहा है।

चंपावत जिले में कृषि विभाग की ओर से काश्तकारों को काले गेहूं की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। काश्तकारों को उनकी मांग के अनुसार काले गेहूं का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। – गोपाल सिंह भंडारी, मुख्य कृषि अधिकारी, चंपावत।

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