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एमडीडीए के रडार पर 300 अवैध कालोनियां, पछवादून पर पैनी नजर

विभिन्न राज्यों से आकर उत्तराखंड में बसे लोगों का सत्यापन कराने के सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद देहरादून की 300 कालोनियां मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के रडार पर आ गई हैं। एमडीडीए के मुताबिक जिले में तीन सौ से अधिक अवैध कालोनियां हैं। इसमें करीब एक चौथाई पछवादून में हैं। इस क्षेत्र में बीते सालों में तेजी से बसावट हुई है। एमडीडीए सत्यापन कर इन कालोनियों पर शिकंजा कसने जा रहा है। सभी अवैध कालोनियों की सूची वेबसाइट पर डाली गई है। लोकसभा चुनाव के बाद आवासीय क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन शुरू होने जा रहा है। इसके पीछे सरकार का मकसद कालोनियों में आकर बसे बाहरी लोगों की पूरी जानकारी जुटाना है। वैध कालोनियों में रहने वालों की जानकारी राजस्व विभाग व एमडीडीए के पास है, लेकिन अवैध कालोनियों में रहने वालों का कोई विवरण नहीं है। देहरादून में 300 से अधिक अवैध कालोनियों में हजारों मकान हैं। इन सभी भवन स्वामियों को भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। बता दें कि पिछले एक साल में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण 1200 बीघा से अधिक जमीन मुक्त करा चुका है।

मोथरोवाला दूधली, धोरणखास, कंडोली, कोटड़ा संतौर, सुद्धौंवाला, तरला नागल, नागल हटनाला, डांडा नूरीवाला के पास, मियांवाला, पौंधा, झाझरा, जौहड़ी गांव, बगराल, गल्जवाड़ी, पुरकुल, जंतनवाला, बलासपुर, कांडली, नेशविला रोड, धौलास, मसंदावाला, अपर नेहरू ग्राम में सिंचाई नहर पुल के पास, सहस्रधारा रोड, धर्मपुर डांडा क्षेत्र, ब्राह्मणवाला में शकुंतला कॉलेज के पास, भतल भट्टा, किरसाली गांव, नवादा गांव, हर्रावाला पुलिस चौकी के पीछे, बंजारावाला में भागीरथीपुरम भूखंड, सेलाकुई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काटी गई अवैध कालोनियों को एमडीडीए ने चिह्नित किया है।

जिन क्षेत्रों में अचानक भवनों या कालोनियों की संख्या में तेजी आई है, उन पर एमडीडीए की नजर है। कालोनियों को किस तरह की जमीन पर काटा जा रहा है। यहां पर मकान खरीदने वालों का रिकार्ड क्या है। भवनस्वामियों की आय का जरिया और उनकी पृष्ठभूमि कैसी है, इन सभी बिंदुओं पर सत्यापन का कार्य शासन के निर्देशानुसार किया जाएगा। -बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए

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