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प्री मानसून बारिश से 10 प्रतिशत रीचार्ज हुए पेयजल स्रोत

पिथौरागढ़। बढ़ते जल संकट के बीच प्री मानसून बारिश कुछ राहत लेकर आई है। पिथौरागढ़ जिले में मई में हुई बारिश से पेयजल स्रोत 10 से 15 फीसदी रिचार्ज हुए हैं। अगर इस माह भी बारिश नहीं होती तो जिले में पेयजल को लेकर हाहाकार मच सकता था। इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण पिथौरागढ़ नगर और इससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में 28 पेयजल स्रोत सूख चुके थे। बेड़ीनाग क्षेत्र में 45 जल स्रोत सूख गए थे। इस कारण पेयजल संकट अब तक गंभीर बना हुआ है। जिले में वर्ष 2024 जनवरी माह में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई। फरवरी में सिर्फ 32.80 एमएम बारिश हुई। मार्च में 52.00, अप्रैल में 3.20 एमएम बारिश हुई। मई में अब तक 51.58 एमएम बारिश हुई। इस वर्ष बारिश के कम होने से जिले भर में 114 जंगलों की आग की घटनाएं हुई है। इसमें 172 हेक्टेयर जंगल जल गया था। इसका असर पेयजल स्रोतों पर भी पड़ा है। बारिश नहीं होने से जंगलों में आग की घटनाएं भी काफी हुईं। इसका असर पेयजल स्रोतों पर भी पड़ा है। प्री मानसून बारिश कुछ राहत लेकर आई लेकिन अभी भी पिथौरागढ़ नगर, बेड़ीनाग, कनालीछीना सहित कई अन्य क्षेत्रों में पेयजल संकट गंभीर बना हुआ है

पिथौरागढ़। लगातार हो रही बारिश के कारण नगर के कई हिस्सों में दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही है। जल संस्थान का कहना है कि पेयजल योजनाओं ने बारिश के कारण के कारण शिल्ट आ रहा है। लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

चार वर्षों में हुई बारिश का औसत विवरण (मिमी)
वर्ष – जनवरी – फरवरी – मार्च
2024- 0 – 32.80 – 52.00
2023- 13.80 – 7.10 – 53. 78
2022- 83.58 – 52.47 – 5.25
2021 – 24.93 – 11.47 – 12.72

लगातार हो रही बारिश के बाद भी अभी तक 10 से 15 फीसदी ही पेयजल स्रोत रिचार्ज हो पाए हैं। जिस कारण पेयजल संकट बना हुआ है। अगर बारिश नहीं हुई तो पेयजल संकट गंभीर हो सकता है। – सुरेश जोशी, ईई जल संस्थान पिथौरागढ़।

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