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मरीजों के बढ़ते ही कम पड़ने लगते हैं अस्पताल में बेड

बागेश्वर। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने से व्यवस्था चरमराने लगती है। इन दिनों मौसम में बदलाव से ओपीडी के साथ-साथ वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। पर्याप्त बेड न होने से अस्पताल प्रशासन वार्ड की गैलरी में बेड लगाकर मरीजों को भर्ती करा रहा है।
जिला अस्पताल में मरीजों के लिए मात्र 72 बेड की ही व्यवस्था है। जो मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन को वार्ड की गैलरी में बेड लगाने पड़े हैं। ट्रामा सेंटर से सात बेड लाकर गैलरी में लगाए गए हैं। प्रसव कक्ष में केवल आठ बेड की व्यवस्था है। गर्भवती महिलाएं बैंच में बैठ कर बेड खाली होने का इंतजार करती हैं।

वार्डों में बेड की व्यवस्था

कुल 72 में से 48 बेड जनरल वार्ड, चार बेड आपातकालीन कक्ष, छह बेड आईसीयू , छह बेड प्रसवोत्तर कक्ष और आठ बेड प्रसूता कक्ष में लगाए गए हैं।
प्रसवोत्तर कक्ष में 20 के सापेक्ष केवल छह बेड
प्रसवोत्तर कक्ष में बीस बेड लगाए जाने थे, लेकिन अभी तक केवल छह बेड ही लग पाएं हैं। जिस वजह से कई बार नवमाताओं को भी प्रसूता कक्ष में रहना पड़ता है।

जिला अस्पताल में मरीजों के बढ़ने पर अतिरिक्त बेड लगाकर व्यवस्था बनाई जाती है। पिछले दिनों वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होने पर अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। फिलहाल अस्पताल में बेड की कमी का मामला नहीं है। -डॉ. वीके टम्टा, सीएमएस जिला अस्पताल बागेश्वर

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