पानी में टीडीएस 50 से कम और 300 से अधिक नहीं होना चाहिए
आरओ के पानी में टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स (टीडीएस) की जांच जरूर करें। विशेषज्ञों के मुताबिक पानी में टीडीएस की मात्रा 50 से कम और 300 मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। टीडीएस के संबंध में डब्ल्यूएचओ भी चेतावनी जारी कर चुका है। दून विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव शरण आहलूवालिया ने बताया कि इन दिनों पानी साफ करने के नाम पर घरों में कई तरह के फिल्टर लगाए जा रहे हैं। फिल्टर लगाने के लिए जो कर्मचारी आते हैं उन्हें टीडीएस या टीडीएस कंट्रोल करने के बारे में सही जानकारी नहीं रहती है। फिल्टर लगाते समय वह टीडीएस का लेवल 20 से 30 या इससे कम करके ग्राहक को दे देते हैं। ग्राहक को भी इस बारे में कुछ पता नहीं होता है। जबकि पानी में टीडीएस की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम और 300 मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। टीडीएस की मात्रा 80 मिलीग्राम प्रतिलीटर बेहतर होती है। टीडीएस 50 से कम होने पर पानी में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा कम हो जाएगी। इनकी कम मात्रा भी शरीर के लिए नुकसानदायक होती है। दून अस्पताल की इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. एनएस बिष्ट ने बताया कि पानी में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा कम होने पर हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, थकान होना और कैल्शियम, मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होने पर हड्डियों में दर्द, गुर्दे में पथरी होना, पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।