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बागेश्वर डिपो को ढाई महीने में हुआ 36 लाख का नुकसान

बागेश्वर। बस और स्टाफ की कमी से जूझ रहे बागेश्वर रोडवेज डिपो की दो बस सेवाएं पिछले ढाई महीने से बाधित चल रही हैं। बस सेवाएं संचालित न होने से डिपो को हर रोज करीब 80,000 रुपये का नुकसान हो रहा है। इस हिसाब से अब तक परिवहन निगम को 36 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। बागेश्वर रोडवेज डिपो में चालक, परिचालकों की कमी बनी हुई है। 28 चालकों के स्थान पर 20 ही चालक कार्यरत हैं। 23 परिचालकों के स्थान पर 18 तैनात हैं। चालक, परिचालकों की कमी और बसों की कमी के कारण पिछले ढाई महीने से बागेश्वर-धरमघर और बागेश्वर-मुनस्यारी बस सेवा का संचालन नहीं हो रहा है। ये दोनों बस सेवाएं बागेश्वर तक ही संचालित हो रही हैं। जिले से सात बस सेवाओं का संचालन किया जाता है। करीब 400 यात्री हर रोज रोडवेज की बसों से सफर करते हैं।

बागेश्वर। बागेश्वर रोडवेज डिपो के पास केवल 15 बसों का बेड़ा है। इनमें से 8 बस आठ लाख किमी से अधिक का सफर तय कर चुकी हैं। आठ लाख किमी चलने के बाद बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है लेकिन इन्हीं पुरानी बसों से यात्री परिवहन सेवा का संचालन किया जा रहा है जो जोखिमपूर्ण है।

बागेश्वर। मंगलवार को बागेश्वर से दिल्ली जा रही मुनस्यारी-दिल्ली बस जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर चौगांवछीना के पास खराब हो गई। डिपो से दूसरी बस भेजकर यात्रियों को दिल्ली रवाना किया गया। बस में 22 सवारी थे। डिपो की पांच बस वर्तमान में खराब हैं। इन बसों की डिपो की अस्थायी कार्यशाला में मरम्मत की जा रही है। डिपो की दो बस चारधाम यात्रा में लगी हैं। इस प्रकार 15 में से 8 ही बस सड़क पर चल रही हैं।

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