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दिल्ली से देहरादून महज ढाई घंटे में, 23KM कम हो जाएगी दूरी; पढ़ें कब खुलेगी एलिवेटेड रोड

 देहरादून। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतिम छोर पर 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड ने आकार ले लिया है। घने जंगल के बीच स्काई राइड की भांति यह एलिवेटेड रोड पूरी परियोजना का प्रमुख आकर्षण है। 12 किलोमीटर की लंबाई में एलिवेटेड रोड के ऊपर स्लैब डाल दिए गए हैं, जबकि 11 किलोमीटर भाग पर डामरीकरण का कार्य भी पूरा किया जा चुका है।

माना जा रहा है कि जुलाई 2024 तक एलिवेटेड रोड वाहनों के लिए खोल दी जाएगी। इसके बाद दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी को महज ढाई घंटे के भीतर पूरा किया जा सकेगा। परियोजना का निर्माण समय के भीतर पूरा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।

वर्तमान में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी 236 किलोमीटर है, जो परियोजना के पूर्ण होने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। यानी, दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और छह घंटे के सफर के समय में भी साढ़े तीन घंटे तक की कमी आ जाएगी।

परियोजना के सबसे बड़े आकर्षण में शामिल सहारनपुर के गणेशपुर क्षेत्र से देहरादून की सीमा तक करीब 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड को लेकर एनएचएआइ का देहरादून स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय काफी सक्रिय है। इसके निर्माण के बाद वाहन एलिवेटेड रोड से गुजरेंगे, जबकि नीचे का भाग वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण के काम आएगा।

परियोजना निदेशक कार्यालय के अनुसार, एलिवेटेड रोड का काम अंतिम चरण में है। घने वन क्षेत्र के बीच एलिवेटेड रोड की सुंदरता देखते ही बन रही है। परियोजना के इस भाग की प्रगति 90 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। जिस पर डामरीकरण के साथ ही साइनेज, कैट आइआर मार्किंग के कार्य पूरे किए जा चुके हैं। शेष एक किलोमीटर भाग पर डामरीकरण की तैयारी शुरू कर दी गई है।

एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से कैमरे स्पीड पर निगाह रखेंगे और तय मानक से अधिक रफ्तार पाए जाने पर आनलाइन चालान कटेगा।

दुर्घटना की सूचना स्वत: कंट्रोल रूम को मिलेगी

एलिवेटेड रोड पर वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआइडीएस) लगाए जाएंगे। जो सड़क दुर्घटना की दशा में स्वत: ही कंट्रोल रूम को सूचना भेज देंगे। ताकि समय राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकें।

11 हजार 970 करोड़ की है परियोजना

एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-दून एक्सप्रसेवे का निर्माण 213 किलोमीटर पर कुल 11 पैकेज में गतिमान है। यह कार्य प्राधिकरण के अलग-अलग परियोजना कार्यालय देख रहे हैं। परियोजना को धरातल पर उतारने का काम अलग-अलग पैकेज के मुताबिक अधिकतम नवंबर 2024 तक पूरा किया जाना है।

इन पैकेज में चल रहा एक्सप्रेसवे का निर्माण

1-अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा

2-अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा

3-ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास

4-ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास

5-ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास

6-ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास

7-सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल

08-सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल

09-गणेशपुर-देहरादून (एक भाग)

10-गणेशपुर-देहरादून (दूसरा भाग)

11-गणेशपुर-देहरादून (तीसरा भाग)

गणेशपुर-दून के बीच की परियोजना

  • एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई – 12 किमी
  • कुल बजट – 1,400 करोड़ रुपये
  • पिलर – 575
  • डाटकाली सुरंग की लंबाई – 340 मीटर
  • बजट – 1,995 करोड़ रुपये

एक्सप्रेसवे परियोजना के यह भी खास बिंदु

  • 05 रेलवे ओवर ब्रिज
  • 110 वाहन अंडरपास
  • 76 किमी सर्विस रोड
  • 29 किमी की एलिवेटेड रोड
  • 16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट

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