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एम्स में तंबाकू त्यागने के लिए संकल्पित होने की शपथ दिलाई

तंबाकू पर नियंत्रण के उद्देश्य से एम्स में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने तंबाकू को कैंसर का प्रमुख कारण बताया और इसके उन्मूलन के लिए जन जागरूकता को आवश्यक जताई। तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। बृहस्पतिवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर एम्स में आयोजित कार्यक्रम में तंबाकू उन्मूलन और इसके खतरों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया गया। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि तंबाकू का सेवन न केवल मुंह के कैंसर का कारण बनता है, बल्कि यह फेफड़ों में भी कैंसर पैदा करता है। इस पर रोक लगाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को अपनी भूमिका निभानी होगी। बताया कि इस वर्ष की थीम तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की रक्षा करना है। कार्यक्रम को प्रभारी डीन एकेडमिक प्रो. शैलेंद्र हांडू और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उत्तराखंड नोडल अधिकारी डाॅ. आदित्य सिंह ने एमपीएच और एमडी कम्युनिटी मेडिसिन के छात्रों के साथ चर्चा की और तंबाकू के दुष्प्रभावों पर जोर दिया। कहा कि युवा वर्ग व खासतौर से स्कूल-काॅलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को तंबाकू उद्योग की रणनीति और इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने उपस्थित सदस्यों को तंबाकू त्यागने के लिए संकल्पित होने की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर उप चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. नरेंद्र कुमार, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा, अवधेश कुमार, ममता थापा आदि मौजूद रहे

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