मेडिकल कॉलेज में लगेगा बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल प्लांट
रुद्रपुर। मेडिकल कॉलेज में संक्रमण और पर्यावरण के लिए खतरनाक बायो मेडिकल वेस्ट का बेहतर प्रबंधन व निष्पादन हो सकेगा। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन की ओर से सात हजार वर्ग फुट जमीन पर बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल प्लांट लगाने की तैयारी है। प्लांट में लगने वाली मशीनें बायो वेस्ट को डिस्पोज कर हार्मलेस बनाएंगी। साथ ही कचरे को पृथक कर संबंधित फैक्टरियों को भेजा जाएगा। पंडित रामसुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज में जिला चिकित्सालय की ओपीडी संचालित हो रही है। वर्तमान में अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को एक अलग कमरे में एकत्र किया जाता है लेकिन बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों, चिकित्सकों व काॅलेज स्टाफ के स्वास्थ्य पर खतरा बना रहता है और प्रदूषण फैलने से पर्यावरण को हानि की भी आशंका रहती है। इसके बचाव के लिए कालेज प्रबंधन की ओर से सात हजार स्क्वायर फीट भूमि पर भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस भवन में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल प्लांट की यूनिट लगाई जाएगी। बायो मेडिकल वेस्ट में पाए जाने वाले विषाणु, जीवाणु व कीटाणुओं को खत्म करने के साथ ही प्लास्टिक का सोल्यूशन कर उसे नॉन टॉक्सिक बनाया जाएगा। यूनिट में प्रथक कचरे के उठान के लिए डिस्पोजल वाहन लगेंगे। यूनिट संचालन के लिए टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, स्वच्छक और मेंटीनेंस कर्मी भी तैनात रहेंगे।
द्रपुर। बायो मेडिकल वेस्ट को मशीनों के जरिये पृथक कर निस्तारित होने के बाद संबंधित फैक्टरियों में उसकी सप्लाई होगी। इसके लिए कालेज प्रबंधन की ओर से फैक्टरियों से अनुबंध किया जाएगा। इसके बाद चयनित फैक्टरियां निस्तारित कचरे से निकली प्लास्टिक आदि सामान को खरीद सकेंगी। इससे कॉलेज की आय भी बढ़ेगी।
अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए यूनिट स्थापित की जाएगी। जिसके लिए सात हजार स्क्वायर फीट में भवन बनाया जा रहा है। भवन तैयार होने के बाद करीब दो करोड़ रुपये की मशीनें लगाई जाएंगी। डिस्पोजल वाहन और कर्मियों की तैनाती की जाएगी। यूनिट से कचरे का निस्तारण करने के बाद संबंधित फैक्टरियों में सामग्री की सप्लाई होगी।
-डॉ. केदार सिंह शाही, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर