जनता की बिजली, पानी की समस्याओं को गंभीरता से लें अधिकारी : सीएम
बनबसा (चंपावत)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को चंपावत जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। सीएम ने विद्युत, पेयजल, वन विभाग, लोनिवि, और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि लापरवाही और उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कार्यशैली में सुधार लाने को कहा। बनबसा स्थित एनएचपीसी के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक सीएम ने कहा कि आमजन की बिजली, पानी की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनका निस्तारण करें। शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी स्पष्टीकरण के लिए तैयार रहें। उन्होंने कुमाऊं आयुक्त के नेतृत्व में मंडलीय क्षेत्र में विद्युत उत्पादन करने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल, पिटकुल, उरेडा से मिलकर प्रस्ताव तैयार कर नए बिजली घरों का निर्माण करने का सुझाव दिया। सीएम ने डीएम नवनीत पांडेय को जिले में होने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता के लिए स्थलीय निरीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण के कारण लंबित हो रही परियोजनाओं का तुरंत निस्तारण करने, टनकपुर और बनबसा क्षेत्र की पुरानी बिजली लाइन और ट्रांसफार्मर को सप्ताह भर में बदलने के निर्देश दिए। इसके अलावा एलटी लाइन को भूमिगत करने के लिए प्रस्ताव बनाने, लोनिवि के अधिकारियों को जाम से बचने के लिए बाईपास निर्माण करने का प्रस्ताव तैयार करने और जून महीने के अंत तक तक सड़कों को गड्ढामुक्त करने को कहा। बैठक में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सीएम का स्वागत कर उन्हें आवश्यक जानकारियां दी। बैठक में दर्जा मंत्री अनिल डब्बू, जिपं अध्यक्ष ज्योति राय, एसपी अजय गणपति, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, प्रमुख अभियंता सिंचाई जयपाल सिंह, लोनिवि के मुख्य अभियंता अशोक कुमार आदि थे। सीएम ने मीडिया में छपी बिजली-पानी समस्या को गंभीरता से लियाबनबसा (चंपावत)। भीषण गर्मी में मुख्यमंत्री बिजली, पानी की समस्या पर अधिकारियों पर बरसे। उन्होंने मीडिया में छप रही बिजली, पानी किल्लत की खबरों का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं लाने पर स्पष्टीकरण के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने पूर्णागिरि में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। कहा कि मां पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी बिजली-पानी की दिक्कत ना हो, इसका खास ख्याल रखा जाए। विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण में भूमि हस्तांतरण की समस्या के निदान के लिए उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने के निर्देश दिए। ग्रीष्मकाल में बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने कार्यालय एवं आवासों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट (सीएम सूर्य घर योजना) लगाने के निर्देश दिए।