बालखोलिया और खरेही में पहली बार हुई कीवी की पैदावार
बागेश्वर। जिले के बालखोलिया और खरेही के बांजगांव में कीवी का ट्रायल सफल हुआ है। किसानों की बगिया कीवी के फलों से लद गई हैं। कीवी के सफल प्रयोगों से अन्य किसान भी उत्साहित हैं। खरेही के बांजगांव में किसान सुनीता मेहता ने उद्यान विभाग की सहायता से वर्ष 2023 में दो एकड़ भूमि पर कीवी के 266 पौधे लगाए। एक वर्ष बाद ही 50 पौधों में फल लग गए हैं और अन्य पौधों की स्थिति भी अच्छी है। सुनीता मेहता की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि बांजगांव की जलवायु में भी कीवी की बागवानी सफलतापूर्वक की जा सकती है। बालखोलिया गांव के निवासी नवीन चंद्र जोशी (43) ने पांच साल पहले कीवी की बागवानी का प्रयोग शुरू किया था। उनके बाग में पांच कीवी के पौधे लगाए गए थे जो अब फलों से लद गए हैं। नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि आमतौर पर कीवी तीन साल में फल देने लगता है लेकिन क्षेत्र की गर्म जलवायु के कारण तीसरे और चौथे साल पैदावार नहीं हो सकी थी। कृषि विज्ञान केंद्र काफलीगैर के वैज्ञानिक कमल पांडे की सलाह पर उन्होंने पौधों में बोन मील (खाद) डाला जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। इस सफलता के बाद जोशी ने अपने बाग में आठ और कीवी के पौधे लगाए हैं। जिले में कीवी की बागवानी के सफल प्रयोगों से किसानों में उत्साह बढ़ा है। इन प्रयासों से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं और उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। उद्यान विभाग की सहायता से कीवी क्रांति जिले में तेजी से फैल रही है जिससे भविष्य में और भी बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा रही है।