अगले तीन माह बरसात में घटेगा बिजली उत्पादन, यूपीसीएल उधार की बिजली भी लौटाएगा
प्रदेश में आगामी तीन माह में जहां बरसात की वजह से बिजली उत्पादन घट जाएगा, वहीं यूपीसीएल को हरियाणा की 170 मेगावाट बिजली लौटानी है। ऐसे में संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि यूपीसीएल ने इससे निपटने का पहले से पूरा इंतजाम का दावा किया है। दरअसल, यूपीसीएल ने पावर बैंकिंग के तहत हरियाणा से पिछले साल 20 से 31 दिसंबर के बीच 40 मेगावाट, एक जनवरी से 31 जनवरी तक 90 मेगावाट, एक फरवरी से 29 फरवरी तक 40 मेगावाट बिजली उधार ली थी। अब जुलाई से सितंबर के बीच यूपीसीएल को यह उधार हरियाणा को लौटाना है, जिस पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने मंजूरी भी दे दी है। यूपीसीएल को इस बिजली को जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में लौटाना है। नियामक आयोग में यूपीसीएल ने इस आधार पर याचिका दायर की थी कि बिजली की मांग घटने के मद्देनजर इन महीनों में किल्लत न के बराबर होती है। लिहाजा, आयोग ने अनुमति भी दे दी है। पिछले वर्षों में राज्य का बिजली उत्पादन इन तीन माह में देखें तो स्थायी नहीं होता। किसी दिन दो करोड़ यूनिट तो किसी दिन नदियों में बाढ़ या सिल्ट की वजह से 80 से 90 लाख यूनिट ही बिजली उत्पादन होता है। इन तीन माह में बिजली की औसत मांग पहले 4.5 से 5.2 करोड़ यूनिट के आसपास रही है, लेकिन इस बार चूंकि मई माह में मांग रिकॉर्ड छह करोड़ यूनिट से भी ऊपर गई है, इसलिए मानसून सीजन में भी इसके बढ़ने की संभावना है। ऐसे में बिजली का संकट भी पैदा हो सकता है। हालांकि यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि इन दिनों में वैसे तो मांग गिर जाती है और उपलब्धता भी काफी ठीक रहती है। फिर भी सुरक्षा के तौर पर यूपीसीएल ने तीनों माह के लिए अतिरिक्त बिजली का इंतजाम कर लिया है। आपको बता दें कि पावर बैंकिंग के तहत कोई भी राज्य किसी को उधार बिजली लेकर बाद में 105 प्रतिशत लौटा देता है। यूपीसीएल को दो दिन से मौसम बदलने की वजह से बिजली की मांग में राहत मिल गई है। बृहस्पतिवार को बिजली की मांग 5.4 करोड़ यूनिट आंकी गई, जिसके सापेक्ष 4.6 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध है। बाकी बाजार से खरीदी जा रही है। यूपीसीएल प्रबंधन का दावा है कि फिलहाल कहीं भी कटौती नहीं की जा रही है।