प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे सागरताल का सौंदर्यीकरण लेने लगा है आकार
– पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा सरोवर
ग्वालियर | पुरानी एवं ऐतिहासिक जल संरचनाओं का सौंदर्यीकरण व पुनर्जीवन भी “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत हो रहा है। इसी क्रम में ग्वालियर शहर में स्थित ‘सागरताल’ का गहरीकरण व सौंदर्यीकरण नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है । प्रयास ऐसे किए जा रहे हैं कि सागरताल जल संरक्षण में महती भूमिका निभाए, साथ ही यह स्थल अपने पुराने स्वरूप को बरकरार रखते हुए एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो। सागरताल के सौंदर्यीकरण में जनप्रतिनिधिगण व क्षेत्रीय नागरिक भी हाथ बटा रहे हैं।
नगर निगम द्वारा सागरताल के सौंदर्यीकरण पर करीबन 3 करोड रुपए की धनराशि खर्च की जा रही है| अभी तक सागरताल के आसपास फ्लोरिंग का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। साथ ही सागरताल को खाली कर गहरीकरण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। सागरताल के आसपास 4 एकड़ में फ्लोरिंग पेवर्स इत्यादि लगाए जाने हैं । साथ ही सागरताल के आसपास पूरी बाउंड्री वॉल पर सुंदर व आकर्षक पेंटिंग की जाएगी । सभी काम इस प्रकार से कराए जा रहे हैं जिससे यह सरोवर अपने प्राचीन सौंदर्य को हासिल कर सके। शहर के सबसे प्राचीन तालाबों में शुमार सागरताल परिसर का क्षेत्रफल 4 एकड़ है। यह सरोवर अपने प्राकृतिक सौंदर्य और विपरीत परिस्थितियों में भी खाली न होने के कारण अपनी खास पहचान रखता है । इस सरोवर को स्वच्छ सर्वेक्षण में भी शामिल किया गया है।
ये काम होंगे
सागरताल के सौंदर्यकरण को लेकर जो कार्ययोजना तैयार की गई है उसके अनुसार तालाब के चारों ओर स्पेन फ्लोरिंग बनाई जाएगी। साथ ही पाथ-वे के लिए पेवर्स कार्य किया जाएगा । तालाब के आसपास हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सुंदर-सुंदर प्रजाति के पौधे रोपे जायेंगे। साथ ही तालाब के पास जन सुविधा के लिए एक सार्वजनिक शौचालय भी बनाया जाएगा । तालाब का गहरीकरण भी प्रमुखता से किया जाना है।