ब्रिटिश नर्स ने 2 घंटे की नवजात को मार डाला दोषी करार, बीमार-कमजोर बच्चों को टारगेट बनाया, 7 नवजातों की हत्या पर हुई थी उम्रकैद
ब्रिटेन की नर्स लूसी लेटबी को 2 घंटे पहले पैदा हुई बच्ची की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। उसे 5 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी। लूसी को पहले ही 7 नवजातों की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। दोषी पाई गई नर्स लूसी लेटबी 33 साल की है।
सोमवार को लूसी को जिस मामले में सजा सुनाई गई, वह 2016 का केस है। मारी गई बच्ची को बेबी K नाम दिया गया है। बच्ची तय तारीख से करीब 15 हफ्तों पहले पैदा हुई थी और इस वजह से प्री-मैच्योर थी। बेबी K का वजन सिर्फ 1.52 पाउंड (1 किलो से कम) था। लूसी ने बच्ची के सांस लेने के लिए लगाई गई ट्यूब से छेड़खानी की और बेबी मॉनिटर भी बंद कर दिया।
डॉक्टर ने लूसी को रंगे हाथ पकड़ा था
सुनवाई के दौरान प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि अस्पताल के सीनियर डॉक्टर रवि जयराम ने लूसी को रंगे हाथों पकड़ा था। तब जयराम बच्चों के वॉर्ड में रूटीन चेकअप के लिए पहुंचे थे। उन्होंने पाया कि तब लूसी बेबी K के बेड के पास खड़ी हुई थी। बच्ची की ब्रीथिंग ट्यूब हटी हुई थी और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बावजदू लूसी बच्ची की मदद के लिए कुछ नहीं कर रही थी।
बाद में बेबी K को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पिछले साल भी इस मामले में सुनवाई हुई थी। तब जज किसी फैसले पर पहुंचने में असमर्थ रहे थे। लूसी ने नवजात की हत्या के आरोपों को खारिज किया है। इससे पहले पिछले साल अगस्त में लूसी को 21 अगस्त को उम्रैद की सजा सुनाई गई थी।
2018 में पहली बार गिरफ्तार हुई लूसी लेटबी
उस पर जिन बच्चों की हत्या का जुर्म साबित हुआ, उनमें अधिकतर या तो बीमार थे या समय से पहले पैदा हुए थे। ये हत्याएं उसने जून 2015 से जून 2016 के बीच उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में की थीं।
इस मामले में नर्स को जुलाई 2018 से नवंबर 2020 के बीच तीन बार गिरफ्तार किया गया था। बीच में उसे दो बार छोड़ा गया। नवंबर 2020 में आरोप तय हुए। उत्तरी इंग्लैंड में मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट की जूरी 22 दिनों तक विचार-विमर्श करने के बाद फैसले पर पहुंची थी।