सत्संग में पुलिस…हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं, तय थीं 123 मौतें6000 लोगों पर एक जवान, जिनका दम घुटा उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली
हाथरस में सूरजपाल बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 123 मौतें हो गईं, सूरजपाल बाबा फरार है, पुलिस उसके सेवादारों को अरेस्ट कर रही है। अब दो सवाल हैं।
1. क्या ये हादसा रोका जा सकता था?
2. क्या घायलों को बचाया जा सकता था?
इन सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने दो चीजों की पड़ताल की। पहला आसपास के थानों में कितना स्टाफ है, जो भीड़ को कंट्रोल कर सकता था। दूसरा आसपास के अस्पतालों में कितने इंतजाम हैं, जिससे घायलों की जान बचाई जा सकती थी।
इस पड़ताल में समझ आया कि न हादसा रोका जा सकता था और न घायलों को बचाया जा सकता था। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रशासन बढ़ती भीड़ के खतरे समझ नहीं पाया। न भीड़ को संभालने के लिए पुलिसवाले थे और न घायलों को बचाने के लिए अस्पतालों में डॉक्टर और ऑक्सीजन।
अब समझिए लापरवाही की शुरुआत कहां से हुई
15 दिन सत्संग की तैयारी चली, 500 बसें पहुंचीं, लेकिन प्रशासन बेखबर
15 दिन पहले से तय था कि सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में सूरजपाल बाबा का सत्संग होना है। आसपास के लोग बताते हैं कि 27 जून से ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और दूसरे राज्यों से करीब 500 बसें आ गई थीं। लोग टेंट लगाकर या बसों के नीचे सो रहे थे, लेकिन प्रशासन इसे अनदेखा करता रहा।
सत्संग कराने वाली कमेटी को प्रशासन ने 80 हजार लोगों की परमिशन दी थी। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने जिला प्रशासन को अलर्ट किया कि सत्संग में अनुमान से ज्यादा भीड़ आ सकती है, लेकिन प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर ध्यान ही नहीं दिया। 2 जुलाई को सत्संग में करीब ढाई लाख लोग पहुंच गए।
दूसरी लापरवाही: इतनी भीड़ को संभालने के लिए सिर्फ 40 पुलिसवाले
सत्संग में करीब ढाई लाख लोग थे। उन्हें संभालने के लिए सिर्फ 40 पुलिसवाले। यानी 6,250 लोगों पर सिर्फ एक पुलिसवाला। UP के चीफ सेक्रेटरी मनोज सिंह के मुताबिक, ऑर्गनाइजर को 80 हजार लोगों की अनुमति दी गई थी। अगर इतने ही लोग आते, तब भी एक पुलिसवाले पर 2 हजार लोगों को संभालने की जिम्मेदारी होती। पुलिस ने पूरी भीड़ बाबा के सेवादारों के जिम्मे छोड़ दी।
हाथरस की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, जिले में 11 थाने हैं। सत्संग वाली जगह सिकंदराराऊ थाने के तहत आती है। मौके पर इसी थाने की पुलिस मौजूद थी। यहां करीब 100 लोगों का स्टाफ है। बाकी थानों में एवरेज 80 से 110 पुलिसवाले हैं।