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आरोपी बोला- लेट मिला इसलिए नहीं बांट पाए, 2024 में सक्सेसफुल हुए

‘NEET 2023 एग्जाम के लिए भी हम लोगों ने कैंडिडेट्स से सेटिंग की थी, लेकिन टाइम से पेपर नहीं मिला।’ बिहार में NEET पेपर लीक के आरोपी नीतीश कुमार ने पुलिस रिमांड के दौरान ये बात कबूली है। आरोपी नीतीश ने ये भी बताया है कि 2023 की गलती से सबक लेते हुए NEET 2024 के पेपर लीक की तैयारी एक साल से चल रही थी।

एग्जाम देने वाले कुछ स्टूडेंट्स के बयान से भी पता चला है कि पेपर लीक के लिए सेटिंग एक साल पहले से हो चुकी थी। उन्हें पहले ही बताया गया था कि जब भी NEET एग्जाम का फॉर्म भरें, तो उन्हें सेंटर पटना ही डालना है। ये सभी खुलासे बिहार EOU (इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट) टीम की केस डायरी से हुए हैं। करीब 40 पेज की इस केस डायरी की कॉपी दैनिक भास्कर के पास मौजूद है।

केस की जांच टीम से जुड़े भास्कर के सोर्सेज का भी दावा है कि 2023 में आरोपियों को वक्त पर पेपर नहीं मिल सका था। यानी मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की गैंग के हाथ NEET का पेपर आ गया था, लेकिन जब तक उसे सॉल्व कर आंसर तैयार कराया जाता, तब तक देर हो चुकी थी।

लिहाजा, गैंग को इसका फायदा नहीं मिल सका था। हालांकि, इससे ये भी पता चल रहा है कि 2023 में भी नीट का पेपर लीक हुआ था।

‘NEET 2023 एग्जाम के लिए भी हम लोगों ने कैंडिडेट्स से सेटिंग की थी, लेकिन टाइम से पेपर नहीं मिला।’ बिहार में NEET पेपर लीक के आरोपी नीतीश कुमार ने पुलिस रिमांड के दौरान ये बात कबूली है। आरोपी नीतीश ने ये भी बताया है कि 2023 की गलती से सबक लेते हुए NEET 2024 के पेपर लीक की तैयारी एक साल से चल रही थी।

एग्जाम देने वाले कुछ स्टूडेंट्स के बयान से भी पता चला है कि पेपर लीक के लिए सेटिंग एक साल पहले से हो चुकी थी। उन्हें पहले ही बताया गया था कि जब भी NEET एग्जाम का फॉर्म भरें, तो उन्हें सेंटर पटना ही डालना है। ये सभी खुलासे बिहार EOU (इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट) टीम की केस डायरी से हुए हैं। करीब 40 पेज की इस केस डायरी की कॉपी दैनिक भास्कर के पास मौजूद है।

केस की जांच टीम से जुड़े भास्कर के सोर्सेज का भी दावा है कि 2023 में आरोपियों को वक्त पर पेपर नहीं मिल सका था। यानी मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की गैंग के हाथ NEET का पेपर आ गया था, लेकिन जब तक उसे सॉल्व कर आंसर तैयार कराया जाता, तब तक देर हो चुकी थी।

लिहाजा, गैंग को इसका फायदा नहीं मिल सका था। हालांकि, इससे ये भी पता चल रहा है कि 2023 में भी नीट का पेपर लीक हुआ था।

सिर्फ 3 घंटे के लिए स्टूडेंट्स को मिला NEET का सॉल्वड पेपर
NEET पेपर लीक को लेकर दैनिक भास्कर के पास पहले पटना पुलिस और फिर आर्थिक अपराध शाखा यानी EOU की पूरी केस डायरी है। पुलिस रिमांड में आरोपियों से जब दोबारा पूछताछ की गई, तब डीटेल में उनके बयान दर्ज हुए थे। उसी पूछताछ में सबसे अहम और बड़ा खुलासा नीतीश कुमार के बयान से हुआ।

नीतीश का ये बयान पुलिस रिमांड के दौरान 20 मई को केस डायरी में दर्ज किया गया। उसने अमित और सिकंदर को लेकर बताया था कि करीब एक साल पहले उसकी अमित आनंद से पहचान हुई थी। फिर अमित के जरिए ही वो सिकंदर से मिला। अमित नक्शा पास करने के लिए नगर परिषद दानापुर गया था, जहां उसने नीतीश की मुलाकात सिकंदर यदुवेंदु से करवाई थी।

नीतीश कुमार आगे बताता है, ‘मैंने ही चिंटू उर्फ बलदेव के जरिए हॉस्टल और स्कूल में बुकिंग के लिए आशुतोष कुमार से कॉन्टैक्ट किया। आशुतोष को पैसों का लालच देकर उससे एक दिन के लिए लर्न बॉयज हॉस्टल बुक कराया।’

‘इसके बाद 5 मई की सुबह चिंटू के वॉट्सऐप पर NEET 2024 का एग्जाम पेपर आया। इसकी आंसर शीट की PDF फाइल भी 5 मई को ही मिली थी। फिर इसके प्रिंट निकालकर स्टूडेंट्स को रटवाया गया। करीब 3 घंटे बाद सभी कैंडिडेट से पेपर वापस ले लिए गए।’

‘इसके बाद हॉस्टल में मौजूद चिंटू, उसके सहयोगी पिंटू और आशुतोष को पेपर और आंसर शीट सौंप दी गई। उन्हें हिदायत दी गई थी कि एग्जाम खत्म होने के बाद पेपर और आंसर शीट जलाकर सबूत मिटा दें। इन सभी ने कहे मुताबिक ही काम किया।’

इंटरनेट और वॉट्सऐप कॉल पर करते थे डील
बिहार में NEET पेपर लीक केस में कौन-कौन मुख्य तौर पर शामिल रहा? नीतीश कुमार ने अपने बयान में उनके भी नाम बताए हैं। बयान के मुताबिक, ‘संजीव सिंह यानी संजीव मुखिया की गैंग है। वही संजीव, जिसका बेटा डॉक्टर शिव कुमार है।

इसके अलावा राकेश रंजन उर्फ रॉकी, पिंटू कुमार, चिंटू कुमार उर्फ बलदेव, नीतीश यादव, अभिमन्यु उर्फ नीतीश पटेल और कई ब्रोकर भी शामिल हैं।

ये सभी मिलकर NEET और BPSC समेत कई एग्जाम के पेपर लीक करा चुके हैं। नीतीश ने ये भी बताया कि पुलिस से बचने के लिए ये लोग अक्सर इंटरनेट और वॉट्सऐप कॉल पर ही बात करते हैं।

क्या 2023 का पेपर भी लीक किया गया था
नीतीश कुमार ने पुलिस की पूछताछ में ये भी बताया था कि NEET 2023 एग्जाम के लिए भी अभ्यर्थियों से सेटिंग की गई थी, लेकिन टाइम पर पेपर ही नहीं मिल सका। जांच टीम से जुड़े भास्कर के सोर्सेज का भी कहना है, ‘नीतीश के बयान से यही लग रहा है कि उसकी गैंग के पास पिछले साल का पेपर पहुंच चुका था, लेकिन देर से पहुंचा।’

‘पिछले साल भी स्टूडेंट्स से सेटिंग हुई थी। उन्हें किसी सीक्रेट जगह पर भी बुला लिया गया था, लेकिन पेपर मिलने में देर हो गई। पेपर सॉल्व करवाने और फिर स्टूडेंट्स को रटवाने के लिए जितना वक्त चाहिए था, वो नहीं मिल सका। इसलिए ये माना जा रहा है कि 2024 में सेटिंग और समय दोनों का ध्यान रखा गया।’

क्या वाकई इनके हाथ पिछले साल का NEET का पेपर लगा था। इसे लेकर बयान के अलावा अब तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। जांच एजेंसियां अभी इसकी जांच कर रही हैं।

आरोपी अमित आनंद: BJP सांसद संजय जायसवाल के ऑफिस में की इंटर्नशिप
अमित आनंद भी NEET पेपर लीक केस में अहम कड़ी है। इसे कैंडिडेट तलाशने की जिम्मेदारी मिली थी। आरोपी अमित आनंद के बयान के मुताबिक उसने बिहार के सांसद संजय जायसवाल के यहां इंटर्नशिप की थी। इसके बाद वो एक जॉब कंसल्टेंसी में काम करने लगा।

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