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BSF कॉन्स्टेबल पहले रूममेट, फिर दोस्त बनीं एकेडमी-परिवार से बनाई दूरी, फिर दोनों हो गईं लापता; मां बोली-सहेली ने बेटी का ब्रेन वॉश किया

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की एक महीने से लापता दो लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश में ग्वालियर से स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) पश्चिम बंगाल पहुंच गई है। टीम यहां बीएसएफ के अफसरों से मुलाकात करेगी।

टेकनपुर छावनी में महिला आरक्षक के तौर पर पदस्थ आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। उन्हें आखिरी बार 6 जून 2024 को देखा गया था। इसके बाद से दोनों लापता हैं। उनकी आखिरी लोकेशन पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर मिली है। शनिवार को शहाना पर आकांक्षा के अपहरण का केस दर्ज किया गया। इसमें शहाना और उसके परिवार को आरोपी बनाया गया है।

ऐसे हुई थी आकांक्षा और शहाना की दोस्ती

जबलपुर में जाेगी मोहल्ला की रहने वाली आकांक्षा निखर (30) BSF के एसटीसी (सहायक ट्रेनिंग सेंटर) में बतौर प्रशिक्षक पदस्थ थी। दिसंबर 2023 में उसकी रूम पार्टनर 15 दिन की छुट्‌टी पर गई थी। इसी बीच पश्चिम बंगाल से शहाना खातून ने खुद को BSF टेकनपुर में अटैच कराया था। आकांक्षा का रूम खाली होने पर शहाना को उसके साथ रुकने दिया गया। यहीं से दोनों में दोस्ती हो गई। समय के साथ दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि दोनों ने एक-दूसरे को ही अपनी दुनिया मान लिया।

टेकनपुर छावनी में दोनों किसी से बात नहीं करती थीं। सभी से दूरियां बना ली थीं। दोनों एक-दूसरे के घर जाकर भी रहीं लेकिन किसी को भनक नहीं लगने दी कि वे क्या करना चाहती हैं।

आकांक्षा की मां बोली- अफसरों से की थी शिकायत

आकांक्षा की मां उर्मिला निखर का कहना है, ‘पिछले चार महीने से बेटी का व्यवहार बदल गया था। उसने कलीग्स, छावनी के अफसर और परिवार के साथ बातचीत बंद कर दी थी। मैं उस समय नहीं समझ पाई कि जो शहाना मेरी बेटी बनकर घर मिलने आती थी, वही सब कर रही है।’

आकांक्षा कहती थी- मां, आपकी मर्जी से शादी करूंगी

उर्मिला निखर ने बताया कि आकांक्षा पहले ऐसी नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘मेरे पांच बेटियां और एक बेटा है। आकांक्षा दूसरे नंबर की बेटी है। स्कूल से ही फोर्स में जाकर वर्दी पहनना उसका सपना था। उसके लिए रिश्ता तलाश रही थी। शहाना से दोस्ती से पहले तक उसका कहना था कि मां आपकी पसंद से शादी करूंगी। मेरे लिए जबलपुर में ही रिश्ता तय करना। वह जानती थी कि इस साल 2024 में उसकी शादी होना तय थी।’

8 साल पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर रह चुकी है आकांक्षा

BSF की STC यूनिट में कम्प्यूटर सेक्शन में आकांक्षा 2021 से बतौर महिला आरक्षक पदस्थ थी। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल के बॉर्डर अकादमी में आठ साल तक रह चुकी है। शहाना भी वहां पर थी लेकिन दोस्ती नहीं थी।

इसके बाद आकांक्षा ग्वालियर में टेकनपुर छावनी आ गई थी। दो साल बाद शहाना भी यहां आ गई। आकांक्षा की मां उर्मिला निखर ने आशंका जताई है कि शहाना प्लानिंग के तहत पश्चिम बंगाल से ग्वालियर आई होगी जबकि उसका घर और जॉब वहीं है।

दोनों ने एकसाथ छुट्‌टी ली, 4 दिन साथ में रहीं

पुलिस का कहना है कि आकांक्षा और शहाना ने अप्रैल महीने में एक साथ छुट्टी ली थी। पहले शहाना जबलपुर में आकांक्षा के घर रुकी थी। चार दिन रहने के बाद दोनों ने पश्चिम बंगाल में करीब 15 दिन गुजारे थे। दोनों प्लानिंग के तहत पहले पश्चिम बंगाल में रहकर आईं। अब एक महीने पहले मतलब 6 जून को लापता हो गईं।

बीएसएफ की दो लेडी कॉन्स्टेबल लापता

बीएसएफ की दो लेडी कॉन्स्टेबल ग्वालियर की टेकनपुर छावनी से लापता हैं। आखिरी बार उन्हें 6 जून 2024 को देखा गया था। लापता महिला आरक्षक आकांक्षा निखर जबलपुर जबकि शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। बीएसएफ ने बिलौआ थाने में उनकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई है।

लापता 2 लेडी कॉन्स्टेबलों के लिए बांग्लादेश बॉर्डर पर अलर्ट

बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 2 लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाई गई है। दोनों करीब एक महीने से लापता हैं। इनमें आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली है। शहाना पर आकांक्षा के अपहरण का केस दर्ज किया गया है।

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