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गोल्डन टावर तो क्या ग्वालियर की कई बिल्डिंगों में अनुमति से ज्यादा अवैध फ्लोर

 
ग्वालियर। ग्वालियर में बहुमंजिला इमारत गोल्डन टावर का एक पिलर क्या लटका कि सोये हुये निगम अधिकारियों की अब नींद टूट गई है। अब गोल्डन टावर के बिल्डर पर कार्रवाई की बात हो रही हैं। वहीं उसमे रहने वाले 27 फ्लैटों के रहवासियों का बुरा हाल है। इसमे भी निगम अधिकारियों से सांठगांठ कर एक मंजिल अवैध बनी थी।
अब बात करें ग्वालियर में अधिकांश बहुमंजिला इमारतों की तो सब में बिल्डिंग परमीशन से विपरीत काम किया गया है और एफएआर तक की जगह नहीं छोड़ी गई है। ग्वालियर के हर गली, मौहल्लों व कालोनियों में जो-जो बहुमंजिला बिल्डिंग बन रही है या जो बन गई है। उसमे सभी की जी प्लस थ्री की परमीशन है, लेकिन बिल्डरों ने अपने मोटे मुनाफे के लिये उसे जी प्लस फाइव में बदल दिया है और पेंट हाउस तक बना लिये है। यदि कोई ईमानदार निगम अधिकारी आपत्ति भी करता है तोे उसे दादागिरी व नेतागिरी की आड़ में चुप करा दिया जाता हैं।
कुल मिलाकर ऐसा पूरे ग्वालियर में किया गया हैं। बिल्डिंगों में निर्माण सामग्री भी घटिया स्तर की लगाई जाती है व पिलर में सरिया व सीमेंट भी मानक स्तर के नहीं  लगे होते है। गोल्डन टावर की घटना तो एक है। यदि प्रशासन व निगम ने बिल्डरों की मनमानी नहीं रोकी तो कई और बिल्डिंगों में भी हादसे हो सकते हैं। 

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