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विवादित रहने के बावजूद नौकरशाह संजय दुबे निकले भाग्यशाली, अतिरिक्त मुख्य सचिव बने, मिला जबलपुर का प्रभार

मध्यप्रदेश में हमेशा विवादों में रहने वाले 1993 बैच के आईएएस अधिकारी उन नौकरशाहों में से एक है जिन्हें सरकार किसी की भी हो अवसर अच्छे मिले, वरना संजय दुबे के बारे में कहा जाता है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सचिवालय से अर्थात पीएमओ से भी एक बार इनके खिलाफ जांच के आदेश आए थे जिसकी पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने परवाह ही नही की। वैसे तो संजय दुबे के बारे में कहा जाता है कि इन्हें जबलपुर जिला बेहद पसंद है क्योंकि जबलपुर जिले में कलेक्टर रहते हुए अपने विवादों की शु़रुआत इन्होंने स्वयं की थी और यह विवाद तब गहराए जब संजय दुबे कमलनाथ की सरकार में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव बनाए गए। और तब उन्होंने जबलपुर नगर निगम के तत्कालीन निगम आयुक्त को सार्वजनिक रूप से जानबूझकर डांट लगाई। तब युवा नौकरशाहों में इन्हें गुस्सैल प्रमुख सचिव के रूप में कई बार आंका गया। संजय दुबे के खिलाफ विवाद तो तब बढ़ा जब यह ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव बनाए गए और उस समय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थक 50 हजार मजदूरों का ईपीएफ नहीं जमा करने वाले 5 मेन पॉवर आउट सोर्स कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही में ढिलाई बरती और उधर पीएमओ से उपरोक्त प्रकरण में इनके खिलाफ जांच के आदेश भी आए। लेकिन इसके बावजूद भी संजय दुबे हमेशा भाग्यशाली रहे। और तो और आज मप्र की मोहन सरकार ने भी इन्हें गृह विभाग का प्रमुख सचिव बनाने के बाद समय से पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में जबलपुर का प्रभार दे दिया। सूत्रों के अनुसार देर रात मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर वरिष्ठ नौकरशाह अतिरिक्त मुख्य सचिव विनोद कुमार को वल्लभ भवन की बाउंड्री से बाहर करने के बाद अब सबसे पहले 1993 बैच के संजय दुबे को अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर पदोन्नत करने का आदेश दे दिया गया है और आज भी संजय दुबे अपने पंसदीदा शहर जबलपुर और जबलपुर संभाग के प्रभारी बनाए गए हैं। इस कड़वी खबर का लब्बोलुआब यह है कि, हमेशा विवादों में रहने वाले संजय दुबे एक ऐसे नौकरशाह निकले जिन्हें भाग्यशाली नौकरशाह इसलिए माना जाता है क्योंकि सरकार किसी की भी इनकी जुगाड़ अच्छी है। और सरकार के बदलने का इन पर कोई असर नहीं होता। जिसकी भी सरकार होती है उन्हें संजय दुबे की जरूरत रहती है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। चाहे विवाद कितना भी गहरा हो…।

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