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गोविंद सिंह को हाईकोर्ट से राहत नहीं

कांग्रेस पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व विधायक लहार डॉ गोविंद सिंह के लहार भिंड-भांडेर रोड पर स्थित कोठी की नपाई को रोकने के लिए हाई कोर्ट में लगाई याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन पूर्व विधायक को इस मामले में हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों और दलीलों को सुनने के बाद याचिका को निस्तारित कर दिया।कोर्ट ने कहा कि सीमांकन की कार्रवाई संबंधित पक्षों को उचित सूचना देकर शीघ्र ही समाप्त की जाए और उसके बाद परिणामी अनुवर्ती कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। पूर्व विधायक की कोठी पर गुरुवार की सुबह राजस्व अमला पुलिस बल के साथ पहुंचा।

मकान के अंदर से आम रास्ता
दरअसल, पूर्व पार्षद बाबूलाल टैगोर द्वारा पूर्व में कलेक्टर व लहार एसडीएम को ज्ञापन देकर बताया गया कि पूर्व विधायक डॉ. गोविंद सिंह के मकान के अंदर से होकर उसके मकान और वार्ड-12 का आम रास्ता है, जिसे बंद कर दिया गया है।

शिकायत के आधार पर गुरुवार को राजस्व अमला पूर्व विधायक डॉ. गोविंद सिंह की कोठी के पास पहुंचा और शाम तक अलग-अलग बिंदुओं से नापजोख करता रहा। नापजोख का कोई परिणाम नहीं आया है। सीमांकन की कार्रवाई के दौरान लहार, असवार, मिहोना, दबोह, आलमपुर, रावतपुरा सहित अन्य थानों का पुलिस फोर्स तैनात रहा।

गोविंद सिंह के बेटे ने बताया नियम विरुद्ध
वहीं दूसरी ओर सर्वे क्रमांक 2715, 2716 का सीमांकन कराए जाने पर आपत्ति जताते हुए लहार के पूर्व विधायक डॉ. गोविंद सिंह के बेटे अमित प्रताप सिंह ने लहार तहसीलदार को ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने बताया नियम कि विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

ऐसे मामले में आवेदक नियत शुल्क सहित तहसीलदार को आवेदन करेगा, जो आरसीएमएस पर मद अ-12 में दर्ज किया जाएगा, उसके उपरांत ही तहसीलदार राजस्व निरीक्षक या नगर सर्वेक्षक या पटवारी को सीमांकन करने का आदेश देगा। लेकिन आरसीएमएस पोर्टल चेक करने पर आवेदक बाबूलाल टैगोर की ओर से तहसीलदार लहार के न्यायालय में कस्बा लहार के सर्वे नंबर 2715 और 2716 के सीमांकन करने संबंधी कोई प्रकरण दर्ज नहीं है।

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