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विजनरी आईएएस का दिमाग, इंदौर होगा बाग-बाग मोदी के ‘शून्य गरीबी’ लक्ष्य में मप्र की पहली दौड

मध्यप्रदेश में रानी अहिल्याबाई होल्कर की रियासत इंदौर मतलब आज के युग में विकास की दौड़ के मामले में सर्वश्रेष्ठ विकसित होते हुए व्यवसायिक राजधानी इंदौर शहर देश में अब ऐसा रोल मॉडल बन गया है जिसे नंबर वन की ख्याति को स्थायी रूप से बनाए रखने में गर्वोक्ति क अहसास दुनिया के सामने जताने में कभी कोई संकोच ही नहीं होता। आश्चर्य एवं चौकाने वाला वाक्या तो यह है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शून्य गरीबी का लक्ष्य प्राप्त करने में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बिना कहे इंदौर विकास प्राधिकरण के एक युवा आईएएस अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार ने यह अनुमान लगाकर तय कर लिया कि, यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत संकल्प अभियान से जोड़कर इंदौर में ‘अहिल्या पथ’ परियोजना का आकल्पन प्रस्तुत होगा तो नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तथा प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और इंदौर संभाग के आयुक्त दीपक सिंह को विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष होने के नाते राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इसी के चलते इंदौर की पहली और सबसे बड़ी सड़क अहिल्या पथ के रूप में विभिन्न आयामों के साथ निर्मित होने जा रही है, जिसमें गोल्फ कोर्स सिटी जैसी परिकल्पना को पहली बार साकार किया जाएगा। और तो और प्रस्तावित अहिल्या पथ जहां एक ओर इंदौर के आर्थिक विकास के पहिए को 100 गुना रफ्तार से बढ़ाने के संकल्प के साथ धरातल पर उतरने वाला है, वहीं इंदौर इस परियोजना के साथ पहला शहर हो जाएगा जहां पर मास्टर प्लान आने के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शून्य गरीबी लक्ष्य को लेकर पहला मास्टर स्ट्रोक भी लगाया जा रहा है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार हमें यह लिखने में संकोच नहीं है कि, इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा निर्मित होने वाली अहिल्या पथ निश्चित रूप से एक विजनरी आईएएस का दिमाग है जिससे इंदौर बाग-बाग तो होगा, लेकिन साथ में बेरोजगारों को लगातार मजबूत अर्थव्यवस्था से जोड़कर, गरीबी से दूर रहने का लक्ष्य लेकर उन्हें विकास की इस अद्भुत परिकल्पना के साथ जोड़कर सेटेलाइट टाउन तैयार करने में उनकी भूमिका सुनिश्चित हो जाएगी। बता दें कि, 15 किलो मीटर की इस सुंदर सड़क अहिल्या पथ को मंजूरी देने के पहले 5 अलग -अलग बड़ी योजनाओं को शामिल करते हुए ऐसे 8-10 गांवों की तकदीर बदलने की कोशिश की जा रही है, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। परियोजना का आना और धरातल पर उतरने के बाद 1400 हेक्टेयर विशाल आकार भूमि का आर्थिक आधार 100-100 गुना परिवर्तित कर देना कोई विजनरी आईएएस आफिसर ही कर सकता है। बता दें कि, इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने जब अहिल्या पथ के प्रस्ताव पर चर्चा की, तब वे यह जानकार चौक गए कि, अहिल्या पथ इंदौर एयरपोर्ट के सामने से लेकर रेवती ग्राम तक बनाया जा रहा है। कल्पना कीजिए जहां इंदौर का विकास एक तरफ कनाडिय़ा इलाके में केन्द्रित था वहीं अब एयरपोर्ट के इलाके में 1400 हेक्टेयर भूमि पर ईको फ्रेडली सड़क जिसकी चौड़ाई 75 मीटर है और लंबाई 15 किमी है, कल्पना से परे है। हालांकि, इस परियोजना को मास्टर प्लान आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शून्य गरीबी लक्ष्य के विजन को लागू करने वाला पहला शहर इंदौर को रोल मॉडल के रूप में ख्याति मिल जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार अहिल्या पथ परियोजना के अंतर्गत मास्टर प्लान के प्रावधान में भी यह सड़क 75 मीटर चौड़ी और 15 किमी लंबी रख ली गई है और इसका निर्माण विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दीपक सिंह ने अहिल्या पथ परियोजना को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। बताया जाता है कि, इस परियोजना के अंतर्गत अहिल्या पथ कार्बन न्यूट्रल सड़क भी होगी और 6 लेन में निर्मित होने वाला ईको फे्रंडली साइकिल ट्रेक पाथ-वे और सर्विस रोड के साथ बनाई जाएगी। अहिल्या पथ बनने के बाद इंदौर से सुपर कॉरिडोर से भी अधिक चौड़ी खूबसूरत सड़क दोनो तरफ ग्रीन बेल्ट के साथ जब तैयार होकर लोकार्पित होगी, तो एशिया के सबसे बेहतर परिकल्पना के साथ अहिल्या पथ को देखने के लिए सैलानियों तथा पूंजी निवेश करने वाले डेवलपर्स की लाइन भी लग सकती है। बताया जा रहा है कि, अहिल्या पथ से जुड़े ग्रीन बेल्ट को गोल्फ कोर्स बनाया जाएगा तथा ग्राम पालाखेड़ी एवं लिंबोदागारी के 566 हेक्टेयर भूमि इस योजना के लिए प्रस्तावित है। हालांकि, अहिल्या पथ से जुड़ी सभी योजनाएं नगर तथा ग्राम निवेश की धाराओं के अनुकूल बनाई गई है इसलिए समझा जाता है कि, स्वीकृति की प्रत्याशा के पहले ही स्वीकृति का अनुमान हो गया है। यह लिखने में संकोच नहीं है कि, अहिल्या पथ इंदौर नगर विकास योजनाओं में आवासीय तथा मार्ग के आधार पर भू-उपयोग के पैरामीटर के अंदर तैयार किए गए हैं। बताया जा रहा है कि, 5 नगर योजनाओं में से एक विशिष्ट विकास योजना फिंटेक सिटी लगभग 2014 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित है। फिंटेक सिटी से आर्थिक विकास के पहिए तथा गरीबी दूर करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की विजनरी पॉलिसी के अंतर्गत शामिल है। बता दें कि, इस योजना में क्लस्टर आधारित विकास तथा आर्थिक रूप से गाईडिंग फोर्स का काम करने वाले तकनीकी संस्थानों को ही भूखण्ड उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हों। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि इंदौर शहर में आवासीय एवं व्यवसायिक ऐसी गतिविधियों को अहिल्या पथ से ऐसा मुकाम मिलेगा, जिससे पूरे एशिया में अहिल्या पथ का नाम सबसे सुंदर सड़क और सबसे सुंदर टाउनशिप के रूप में नवाजा जाए, तो चौकियेगा मत…।

क्या है अहिल्या पथ: अहिल्या पथ को कार्बन न्यूट्रल सड़क के रूप में बनाया जाएगा। यह सड़क 75 मीटर की जगह 90 मीटर चौड़ी होगी। इसमें 75 मीटर सड़क के अलावा हरियाली, वॉकवे, साइकिल ट्रैक और अन्य सुविधाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा इसमें सघन वृक्षारोपण, साइकिल ट्रैक, खुला हरित क्षेत्र 5त्न से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया जाएगा। जन सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी।

पहला चरण अहिल्या पथ 1 से 5 तक होगा: सड़क निर्माण पर होने वाले व्यय हेतु विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग के आधार पर अहिल्या पथ क्रमांक 01 से अहिल्या पथ क्रमांक 05 तक नगर विकास योजनाओं के प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। प्रथम चरण में इसका निर्माण किया जाएगा।

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